-
Advertisement
हवलदार अश्विनी कुमार की संदिग्ध मौत मामले में परिजन व ग्रामीण पहुंचे हमीरपुर थाने
हमीरपुर। हमीरपुर के सयूनी से संबंध रखने वाले सीआरपीएफ( CRPF) में तैनात हवलदार अश्विनी कुमार की संदिग्ध मौत मामले को लेकर परिजन और ग्रामीण हमीरपुर थाने पहुंचे। परिजन हवलदार अश्विनी कुमार की मौत के कारणों की जांच करवाने की मांग कर रहे थे। परिजनों का आरोप है कि अश्विनी को मानसिक तौर पर कैंप में तैनात अधिकारियों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा, इसके चलते उसकी मौत हुई है। उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से भी मिलकर इस सारे मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है ताकि परिवार को न्याय मिल सके। अश्विनी पिछले 18 साल से सीआरपीएफ में कार्यरत थे, वो अपने पीछे पत्नी दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए हैं।
यह भी पढ़ें- हिमाचलः कार के कागजात दिखाने को कहा तो चालक ने एएसआई पर तान दी पिस्तौल
हवलदार अश्विनी कुमार के भाई कुशल देव ने बताया कि उनका भाई इस तरह से सुसाइड नहीं कर सकता था । भाई की मौत 9 अप्रैल को हुई है जबकि 8 अप्रैल को उनकी भाई के साथ बात हुई थी जिसमें अश्विनी ने उन्हें बताया था कि उन्हें कुछ लोग काफी तंग कर रहे हैं और उन्हें वहां कोई मार भी सकता है जबकि उन्हें जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें मौत की वजह घरेलू परेशानी बताया गया था जो कि सरासर गलत है । अनुराग ठाकुर से भी सारे मामले की जांच की मांग की गई है। कुशल ने मांग की है कि परिवार चाहता है कि हमीरपुर में भी अश्विनी का पोस्टमार्टम करवाया जाए ताकि सही सच्चाई सामने आ सके। अश्विनी ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर भी लिखा था कि उसे तंग किया जा रहा है। वो देशभक्त है और खुद नहीं मरेगा।
भाई से हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी उनके पास है, जिस की भी जांच की जा सकती है। ग्रामीणों ने एसपी हमीरपुर से भी मिलकर इस सारे मामले की जांच की मांग की गई है वहीं एक अन्य रिश्तेदार लेखराज ने बताया कि अश्विनी को जान का खतरा था और उसके बाद उसने परिजनों को भी बताई थी मामले की जांच करके सही सच्चाई परिवार के सामने लाई जाए। सदर थाना हमीरपुर के एसएचओ राजेश कुमार ने कहा कि अश्विनी कुमार इन दिनों सीआरपीएफ में असम में तैनात थे। उनका शव नागालैंड चैकपोस्ट पर लटका हुआ पाया गया था। वहीं पर इस सारी घटना की जांच चल रही है परिजन हमीरपुर में दोबारा पोस्टमार्टम करवाने की मांग कर रहे हैं जिसे लेकर अगली कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।