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बटर चिकन-दाल मक्खनी अब यूं ही नहीं बिकेंगी स्विगी-जोमैटो पर
बटर चिकन-दाल मक्खनी अब यूं ही नहीं बिकेंगी स्विगी-जोमैटो जैसी कंपनियों की ऐप पर। इन कंपनियों को अब बाकायदा अपने ऐप पर खाद्य पदार्थों के (Nutrients) पोषक तत्वों, कैलोरी (Calories) और उनसे होने वाली संभावित एलर्जी की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। यह नियम पहली जुलाई से लागू होगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही ये नया आदेश जारी किया है। एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अरुण सिंघल के मुताबिक ऑनलाइन बेचे जा रहे खाद्य पदार्थों (Food Items) के लिए मेन्यू लेबलिंग करनी होगी। स्विगी और जोमैटो (Swiggy-Zomato) जैसी कंपनियों को अपने व्यावसायिक साझेदार (रेस्तरां संचालकों) को पोषण मूल्य प्रदर्शित करने के लिए निर्देशित करना होगा।
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उनका कहना है कि इसका उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि वे किस तरह का खाना ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं और उसमें किस तरह का पोषण और एलर्जी सामग्री है। ऑर्डर करने वाले को पता होना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं। पैकेज्ड फूड (Packaged Food) में उनके लेबल होते हैं, लेकिन दाल-मक्खनी या बटर चिकन जैसे पके हुए व्यंजनों के लिए उनके पास लेबलिंग नहीं होती है। पके हुए भोजन के लिए मेनू लेबल उपभोक्ताओं को स्वस्थ खाने के लिए संवेदनशील बनाएंगे। इसके अलावा जिनके 10 से अधिक खाद्य आउटलेट हैं और जिनका वार्षिक राजस्व 20 करोड़ रुपये से अधिक हैए ऐसे संचालकों को लाइसेंस भी लेना होगा। कुछ संचालक स्वेच्छा से अपने आउटलेट पर इस प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे लेकिन अब यह पहली जुलाई से अनिवार्य हो जाएगा।