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हमारे देश के ज्यादातर राज्यों में बारिश ने दस्तक दे दी है। इन दिनों कुछ जगहों पर ज्यादा बारिश हो रही है तो कुछ जगहों पर कम बारिश हो रही है। ऐसे में बारिश के थमने पर जब धूप निकलती है, तो उमस (Humidity) के कारण लोगों का हाल-बेहाल हो जाता है।
गौरतलब है कि गर्मी के कारण बारिश, नदी-नालों व समुद्र का पानी भाप बनकर उड़ता है और आसपास की हवा में फैल जाता है। इसी भाप को उमस कहते हैं। फिर जब यही भाप वाली हवा शरीर से टकराती है तब हमें ह्यूमिडिटी का एहसास होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी जगहों के मुकाबले गर्म जगहों पर उमस ज्यादा होती है। उनका कहना है कि जब बारिश होती है, तो लोगों को लगता है कि मौसम ठंडा हो गया है। अब उनको शरीर में पानी की कमी नहीं होगी, लेकिन वो ये नहीं समझ पाते कि उमस के कारण शरीर से पसीना भी ज्यादा निकलता है। ऐसे में शरीर को पानी की बहुत जरूरत पड़ती है। ऐसे मौसम में लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए नहीं तो डिहाइड्रेशन (Dehydration) की समस्या हो सकती है और ब्लड प्रेशर भी लो हो सकता है।
वहीं, बारिश के मौसम में लोग ठंडी और गर्म चीजों एक साथ खा लेते हैं, जिस कारण वायरल इंफेक्शन व सर्दी-खांसी जैसी समस्या हो सकती है। बता दें कि चेहरे और सिर के अंदर छोटे-छोटे एयर स्पेस होते हैं, जिसे साइनस (Sinus) कहते हैं। जब सर्दी होती है तो इन एयर स्पेस की ओपनिंग बंद हो जाती है, जिससे साइनस बढ़ जाता है। इतना ही नहीं इस मौसम में माइग्रेन (Migraine) की समस्या भी बढ़ सकती है। ध्यान रहे कि बारिश के मौसम में बैलेंस डाइट लें। इस दौरान सीजनल फ्रूट्स व हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। बाहर की चीजें ना खाएं और कोल्ड ड्रिंक पीने का परहेज करें।
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