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World Teacher’s Day Special:अध्यापकों ने खुद मजदूरी करके बना डाला School के लिए खेल मैदान
वीरेंद्र भारद्वाज / मंडी। एक अध्यापक राष्ट्र का निर्माता होता है। हर व्यक्ति के जीवन को संवारने में अध्यापकों का योगदान बहुत अहम होता है तभी तो गुरु को समाज के शिल्पकार कहते हैं। अध्यापक न केवल छात्रों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि उसके सफल जीवन की नींव भी उन्हीं के हाथों द्वारा रखी जाती है। आज विश्व शिक्षक दिवस (World Teachers Day) है और आज हम आप को हिमाचल प्रदेश के ऐसे अध्यापकों के बारे में बताने जा रहे हैं , जिन्होंने अपने स्कूल के बच्चों के लिए खेल मैदान (Playground) बना डाला। जिला मंडी के सराज विधानसभा क्षेत्र को कौन नहीं जानता। हिमाचल प्रदेश के सीएम जय़राम ठाकुर ( CM Jairam Thakur) का यह गृह क्षेत्र है। यहां के हाई स्कूल कांढा (High school kandha) के अध्यापकों ने कोरोना काल में एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए खुद मजदूरी करके बच्चों के लिए खेल मैदान (Playground) बना डाला।
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कोरोना काल में जब देश भर में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई और 21 अगस्त से शिक्षकों को वैकल्पिक दिनों पर आने का आदेश हुआ तो कांढा स्कूल के सभी शिक्षकों ने (Teachers) स्कूल में अपनी हाजरी भरना शुरू कर दिया। स्कूल की मुख्याध्यापिका रेणू शर्मा ने बताया कि स्कूल में जो खेल मैदान था वह ढलान पर था जिस कारण बच्चों के गिरने का खतरा बना रहता था। खेल मैदान निर्माण के लिए खेल विभाग की तरफ से एक लाख की राशि प्राप्त हो चुकी थी। कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा देने के बाद जब शिक्षकों के पास बाकी समय बचता तो शिक्षकों ने खुद मजदूरी करके खेल मैदान को संवारने का काम किया।
जिन शिक्षकों ने अपना योगदान दिया उनमें खेम राज, मेनका, सुमित्रा, चंद्रा, सतीश, कश्मीरा, कलर्क ढमेश्वर दत्त, लैब असिस्टेंट मोहिनी, चपरासी हरदेव और हेत राम ने रोजाना श्रमदान करके खेल मैदान के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाई। इसमें चंद्रा का विशेष योगदान रहा। रेणू शर्मा ने बताया कि इस कार्य में स्थानीय पंचायत का भी भरपूर सहयोग मिला और अब खेल मैदान के चारों ओर पंचायत के माध्यम से चार दीवारी की जा रही है। वहीं इसी स्कूल में पूर्व में यहां रहे शिक्षकों के आपसी सहयोग से एक अतिरिक्त कमरे का निर्माण भी किया गया है। मुख्याध्यापिका ने बताया कि पूर्व में रहे स्टाफ के सदस्यों ने आपसी सहयोग से 40 हजार एकत्रित करके कमरे का निर्माण करवाया था और अब 20 हजार मौजूदा स्टाफ ने एकत्रित करके बचे हुए काम को पूरा करने का निर्णय लिया है। वहीं, स्थानीय पंचायत ने भी इस कार्य में अपनी तरफ से पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया है।