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हिमाचल: आग ने जला डाला शिरगुल देवता का मंदिर, 800 फलदार पौधे भी झुलसे
नेरवा। हिमाचल में पिछले तीन से चार दिन में आग (Fire) की घटनाएं लगातार बढ़ गई हैं। प्रदेश के जंगल जहां धूं धूं कर जल रहे हैं। वहीं घर और दुकानें भी इससे बच नहीं पा रही हैं। ताजा मामला शिमला (Shimla) के नेरवा से सामने आया है। यहां जंगल की आग पहले लोगों की घासनियों तक पहुंची और उसके बाद देखते ही देखते इस आग ने गांव में बने शिरगुल देवता के मंदिर (Shirgul Devta Temple) को जलाकर राख कर दिया। वहीं इस आग ने क्षेत्र के करीब 800 सेब के पौधों को भी जला दिया।
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बताया जा रहा है कि नेरवा (Nerwa) तहसील की ग्राम पंचायत चइंजन के छिनोग गांव में एक घासनी में अचानक आग लग गई थी। इसी दौरान तेज हवाएं चलने लगी और इस आग ने प्रचंड रूप धारण कर लिया। जिससे इसकी चपेट में आने से गांव में बना शिरगुल देवता का मंदिर जलकर राख हो गया। ग्राम पंचायत चइंजन के प्रधान हेतराम कैंथला के अनुसार आग इतनी भयानक थी कि इस पर काबू ही नहीं पाया जा सका और मंदिर सहित अंदर स्थापित देवता शिरगुल की मूर्ति और अन्य सारा सामान कुछ ही पलों में जल गया।
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प्रधान कैंथला ने बताया कि इस आग ने लोगों के सेब के पौधों को भी जला दिया है। सेब के पौधे (Apple Plants) इस कद्र झुलस चुके है कि अब उनमें हरियाली आने की कोई भी उम्मीद नहीं बची है। आग से रामलाल कांटा पुत्र धर्माए मोहर सिंह पुत्र अनंत राम, लोकेंद्र पुत्र गोपी चंद, हरीश पुत्र लच्छी राम, सुख राम पुत्र कर्मा, केवल राम पुत्र दौलत राम एवं सुरेंद्र पुत्र किरपा राम के सेब के 800 फलदार पौधे बुरी तरह से झुलस चुके हैं। इस दौरान स्थानीय निवासी राम लाल का मकान भी आग की चपेट में आ गया था, लेकिन मौके पर इकट्ठा हुए ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाते हुए आग पर काबू पा लिया व बहुत बड़ी क्षति होने से बचा ली।
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