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भारत का वो मंदिर जहां प्रभु श्री राम की नहीं माता सीता की होती है पूजा
हिंदू धर्म में हमेशा भगवान श्री राम और माता सीता जी (Mata Sita Ji) का नाम साथ में लिया जाता है और उनकी एक साथ पूजा की जाती है। भक्त उन्हें सीया राम कहकर पुकारते हैं। भारत के कई मंदिरों में मां सीता के साथ प्रभु श्री राम (Shri Ram) विराजमान हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा मंदिर (Temple) मौजूद है जहां माता सीता अकेले विराजमान हैं और यहां उनकी अकेले ही पूजा की जाती है।
श्रीलंका में मौजूद सीता अम्मा मंदिर
यह मंदिर मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में है, जिसे जानकी मंदिर के नाम से जाना जाता है। बता दें कि श्रीलंका के बाद दुनिया में यह दूसरा मंदिर है, जहां मंदिर में मां सीता बिना रामजी के विराजी हैं। श्रीलंका में भी मां सीता का अनोखा मंदिर मौजूद है, जिसे सीता अम्मा मंदिर के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है यहीं पर माता सीता रावण की कैद में रहीं थी, यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां माता सीता को अकेले पूजा जाता है।
अशोकनगर के करीला में स्थित जानकी मंदिर
जिला मुख्यालय से कुल 35 किमी दूर यह मंदिर निर्जन पहाड़ पर स्थित है। यहां करीला में माता सीता अपने दोनों पुत्रों के साथ विराजित हैं। इस मंदिर में भी भगवान श्री राम जी की प्रतिमा मौजूद नहीं है। सदियों से इस मंदिर में माता सीता की आराधना (Worship) की जाती है। करीला का इतिहास भगवान श्री राम से जुड़ा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लंकापति पर जीत के बाद जब प्रभु वनवास काट कर लौटे थे तो अयोध्यावासी उनके खिलाफ बातें बनाने लगे। जिस बात का पता माता सीता को चला इसलिए उन्होंने वनवास लेने का निर्णय लिया और भगवान श्री राम को प्रजा की बात मानने के लिए कहा। तब लक्ष्मण सीता जी को करीला स्थित निर्जन वन में छोड़कर चले गए थे।
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जानकी मंदिर में हर रंगपंचमी पर विशाल मेला
यहीं पर महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था, जहां माता सीता ने अपना जीवन बिताया। यहीं पर उन्होंने अपने दो पुत्रों को जन्म दिया और दोनों ने यहीं शिक्षा दीक्षा ली। बताते हैं कि इसी जगह पर लव कुश ने भगवान राम के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को पकड़कर बांध लिया था। करीला स्थित मां जानकी मंदिर में हर रंगपंचमी पर विशाल मेला लगता है।
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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। HimachalAbhiAbhi.Com इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।