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इडली को कहा बोरिंग तो #Social_Media पर छिड़ी जंग, शशि थरूर ने प्रोफेसर को बोला ‘बद-दिमाग’
नई दिल्ली। ब्रिटेन के एक प्रोफेसर ने इडली को ‘बोरिंग’ क्या कह दिया इस बात को लेकर सोशल मीडिया (#Social_Media) पर जंग छिड़ गई। कुछ लोगों का कहना है कि प्रोफेसर की बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है, तो कई लोगों का कहना है कि यह संस्कृति और सभ्यता का मामला है। दरअसल ये बहस यहां से शुरू हुई थी कि ट्विटर पर पूछा गया था कि ऐसा कौन सा व्यंजन है जिसके बारे में आपको समझ नहीं आता कि लोग उसे इतना पसंद क्यों करते हैं। इस पर ब्रिटिश प्रोफेसर (British professor) एवं भारत-ब्रिटेन अध्ययन के विशेषज्ञ एडवर्ड एंडरसन ने इडली को सबसे ‘बोरिंग’ आहार बताया।
Indian breakfast today! For the record, idli is not boring❤️! #idli #idligate pic.twitter.com/9qdcJn8P1d
— Salonie Chawla (@saloniechawla) October 10, 2020
एंडरसन के इस ट्वीट (Tweet) के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रोफेसर को ‘पूरी तरह बद-दिमाग’ व्यक्ति करार दिया। इससे पहले थरूर के बेटे ईशान थरूर ने प्रोफेसर के बयान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ट्वीट किया, ‘मुझे लगता है कि मैंने ट्विटर पर इस बारे में सबसे अपमानजनक विचार देखा है।’ बेटे के ट्वीट के बाद शशि थरूर भी इस जंग में कूद पड़े। उन्होंने ईशान के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, ‘हां, मेरे बेटे, इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग हैं, जो वास्तव में बद-दिमाग होते हैं। सभ्यता हासिल करना कठिन है। क्रिकेट या ओट्टंथुल्लल का आनंद लो। इस बेचारे पर दया करो।’ हालांकि एंडरसन ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी केरल से हैं और भले ही उन्हें इडली बोरिंग (Boring) लगती हो, लेकिन इसके अलावा उन्हें सभी दक्षिण भारतीय व्यंजन बहुत पसंद हैं। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर हंगामा चलता रहा।
https://twitter.com/edanderson101/status/1313824641392275457
खानपान के मामलों के जानकार पुष्पेश पंत ने एंडरसन की टिप्पणी पर थरूर की प्रतिक्रिया को वाजिब करार देते हुए कहा कि इडली ‘शानदार और संतुलित आहार’ है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह एक ऐसा आहार है जिसे कई दिन तक अन्य व्यंजनों के साथ खाया जा सकता है। वहीं, आहार समीक्षक राहुल वर्मा ने कहा, ‘इडली का खुद का कोई स्वाद नहीं होता, इसका स्वाद इसके साथ खाए जाने वाली चीज पर निर्भर करता है। इसे चटनी, सांबर, चिकन, मटन या पोर्क के साथ मिलाकर खाया जाता है, जिससे अलग-अलग स्वाद निकलकर आते हैं।’ फिलहाल ये बहस जारी है और ना जाने कब तक यूं ही चलती रहेगी।