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केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के सातवें दरवाजे का अनसुलझा रहस्य, अब तक इसे कोई नहीं खोल पाया
नई दिल्ली। ये दुनिया यूं तो रहस्यों से भरी है। इन सब में केरल के तिरुअनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर (Padmanabhaswamy temple) की बात करें तो ये रहस्य और अथाह खजाने की वजह से दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इसे भारत का सबसे अमीर मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर में कई गुप्त तहखाने बने हैं, जिसमें से कुछ को खोला जा चुका है और उसमें से अरबों-खरबों का खजाना भी मिला है, लेकिन इसका सातवां दरवाजा आज तक खोला नहीं गया है और ऐसा भी कहा जाता है कि कोई भी उसे खोल नहीं पाता है। बताया जाता है कि इसके पीछे एक गहरा रहस्य छुपा हुआ है। पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है। यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुअनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है।
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त्रावणकोर के राजाओं ने बनवाया था मंदिर
बताया जाता है कि इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं ने बनवाया था। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ही मंदिर के तहखानों में भारी मात्रा में खजाना छुपा कर रख दिया था। इस मंदिर के छह तहखाने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की निगरानी में खोले जा चुके हैं, जिसमें से भारी मात्रा में सोने-चांदी और हीरे-जवाहरात मिले हैं। इनकी कीमत अरबों-खरबों में बताई जाती है। कहते हैं कि इस मंदिर के सातवें तहखाने के दरवाजे को भी खोलने की कोशिश की गई थी, लेकिन दरवाजे पर बने बड़े से सांप के चित्र को देखकर काम रोक दिया गया। माना जाता है कि सातवें दरवाजे को खोलना अशुभ होगा।
ऐसी मान्यता है कि इसका सातवां दरवाजा (Seventh door) शापित है। जो कोई भी उसे खोलने की कोशिश करेगा, उसकी मौत हो जाएगी। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस दरवाजे को खोलने से धरती पर प्रलय आ जाएगी। कहते हैं कि एक बार कुछ लोगों ने इसे खोलने की कोशिश की थी, लेकिन जहरीले सांपों के काटने से उनकी मौत हो गई थी। ऐसा माना जाता है कि सातवें दरवाजे को मंत्रोच्चार से बंद किया गया है और उसे उसी तरीके से खोला भी जा सकता है, लेकिन इसमें जरा सी भी चूक हुई तो मौत निश्चित है। इन सभी वजहों से ही यह दरवाजा दुनिया के लिए एक रहस्य बना हुआ है।