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ये वास्तु दोष नहीं होने देते आपकी तरक्की, जानिए और दूर कीजिए
ऐसा कई लोगों के साथ होता है कि कड़ी मेहनत के बाद भी लाभ नहीं हो पाता और उस हिसाब से नतीजे नहीं निकलते। इसकी वजह वास्तु दोष (Vastu Dosh) भी हो सकता है। कुछ लोग इसे नहीं मानते या ध्यान नहीं देते लेकिन यह चीज हिंदू धर्म (Hindu Religion) के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण है। हम आपको वास्तु दोष के निवारण के लिए कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हे अपनाकर आप जीवन में सफलता की ऊंचाईयों को छू सकते हैं …
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- सुबह के समय थोड़ी देर तक निरंतर बजने वाली गायत्री मंत्र की धुन चलने दें।
- सायंकाल के समय घर के सदस्य सामूहिक आरती करें। इससे भी वास्तुदोष दूर होते हैं।
- पूजाकक्ष की दीवारों का रंग सफ़ेद हल्का पीला अथवा हल्का नीला होना चाहिए
- हल्दी को जल में घोलकर एक पान के पत्ते की सहायता से अपने सम्पूर्ण घर में छिड़काव करें। इससे घर में लक्ष्मी का वास तथा शांति भी बनी रहती है।
- अपने घर के मन्दिर में घी का एक दीपक नियमित जलाएं तथा शंख की ध्वनि तीन बार सुबह और शाम के समय करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकलती है।
- अपने घर में दीवारों पर सुन्दर, हरियाली से युक्त और मन को प्रसन्न करने वाले चित्र लगाएं. इससे घर के मुखिया को होने वाली मानसिक परेशानियों से निजात मिलती है
- अपने घर के मन्दिर में देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए पुष्प-हार दूसरे दिन हटा देने चाहिए और भगवान को नए पुष्प-हार अर्पित करने चाहिए।
- घर के उत्तर-पूर्व में कभी भी कचरा इकट्ठा न होने दें और न ही इधर भारी मशीनरी रखें।
- अपने वंश की उन्नति के लिये घर के मुख्यद्वार पर अशोक के वृक्ष दोनों तरफ लगाएं। यदि आपके मकान में उत्तर दिशा में स्टोररूम है, तो उसे यहाँ से हटा दें. इस स्टोररूम को अपने घर के पश्चिम भाग या नैऋत्य कोण में स्थापित करें।
- घर में उत्पन्न वास्तुदोष घर के मुखिया को कष्टदायक होते हैं. इसके निवारण के लिये घर के मुखिया को सातमुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिणमुखी है, तो यह भी मुखिया के के लिये हानिकारक होता है। इसके लिये मुख्यद्वार पर श्वेतार्क गणपति की स्थापना करनी चाहिए।
- अपने घर के पूजा घर में देवताओं के चित्र भूलकर भी आमने-सामने नहीं रखने चाहिए इससे बड़ा दोष उत्पन्न होता है।
- अपने घर में ईशान कोण अथवा ब्रह्मस्थल में स्फटिक श्रीयंत्र की शुभ मुहूर्त में स्थापना करें। यह यन्त्र लक्ष्मीप्रदायक भी होता ही है, साथ ही साथ घर में स्थित वास्तुदोषों का भी निवारण करता है।
- प्रातःकाल के समय एक कंडे पर थोड़ी अग्नि जलाकर उस पर थोड़ी गुग्गल रखें और ‘ॐ नारायणाय नमन’ मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार घी की कुछ बूँदें डालें।अब गुग्गल से जो धूम्र उत्पन्न हो, उसे अपने घर के प्रत्येक कमरे में जाने दें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा ख़त्म होगी और वास्तुदोषों का नाश होगा।
रसोई घर वास्तु के अनुसार
घर का वास्तु आपके आपसी संबंधों को भी प्रभावित करता है। वास्तु एक्सपर्ट का मानना है कि घर में वास्तु दोष हो, तो यह पति-पत्नी के आपसी संबंधों के साथ-साथ सास और बहू के बीच क्लेश भी बढ़ाता है। अगर आपके घर में भी यह समस्या है, तो एक नजर अपने घर के वास्तु पर डालें।
- घर की रसोई नॉर्थ-ईस्ट यानी उत्तर-पूर्व में होगी, तो वहां भी सास-बहू केआपसी क्लेश, मनमुटाव और हमेशा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहेंगी।
- किचन कभी भी घर के सेंटर में न हो, यह आपसी संबंधों के लिए बेहद घातक है।
- सास-ससुर का कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए और बेटे-बहू का कमरा पश्चिमी या दक्षिण दिशा में।
- अगर बेटे-बहू का कमरा साउथ-वेस्ट में है, डॉमिनेटिंग दिशा होने के कारण यहां घर के बड़ों को ही रहना चाहिए।