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हिमाचल: वैक्सीन की तीसरी डोज देने का काम हुआ शुरू, जानिए क्या है सावधानी
मंडी। देश-प्रदेश में कोरोना (Corona) की तीसरी लहर के बीच बढ़ते मामलों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने कमर कस ली है। ओमिक्रोन (Omicorn) के साथ कोरोना के अन्य अपडेट वेरियंट (Update Variant) को रोकने के लिए हिमाचल (Himachal) में बूस्टर डोज लगनी शुरू हो गई है। इसी कड़ी के बीच मंडी जिला के 23 स्वास्थ्य केंद्रों में सोमवार को फ्रंटलाइन वर्कर्स (Frontline Workers) और 60 साल से अधिक आयु के लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की डोज लगाई गई। सीएमओ (CMO) मंडी डाक्टर देवेंद्र शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद सोमवार से जिला में फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक आयु के लोगों को सतर्कता डोज (Dose) लगना शुरू हो गई है।
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इसके लिए स्वास्थ्य विभाग मंडी (Mandi) ने सभी पुख्ता इंतजाम कर लिए है और इसे एक अभियान के तौर पर चलाया जा रहा है, ताकि सभी जरूरतमंदों को कोरोनारोधी दवाई के तीसरे टीके लगाएं जा सकें व लोगों को इसका लाभ मिले। उन्होंने बताया कि पहले चरण में चौदह हजार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को यह डोज लगाई जानी है और जिन लोगों को दूसरी डोज लगाए हुए नौ माह पूरे हो गए हैं, वे भी इसके लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि पहले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (Health Workers) को इसके दायरे में लाया जाएगा, क्योंकि लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के चलते इनकी भूमिका सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण रहती है। उन्होंने कहा कि इसके बाद 60 साल से अधिक आयु के लोगों को जिन्होंने कोविड का दूसरा डोज लगाने के बाद 9 महीने का समय पूरा कर लिया है, उन्हें यह डोज लगाई जाएगी। इसके साथ ही सीएमओ मंडी (CMO) डाक्टर देवेंद्र शर्मा ने बताया कि 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के टीकाकरण का लक्ष्य भी मंडी स्वास्थ्य विभाग की टीम जल्द ही पूरा कर लेगी।
सिरमौर में भी बुजुर्गों, फ्रंटलाइन वर्करों को तीसरा टीका लगाने का काम शुरू
नाहन। कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के खतरे के मद्देनजर प्रदेश सहित जिला सिरमौर में भी लगातार प्रयास किए जा रहे है। इसी कड़ी में आज आए प्रदेश सहित जिला सिरमौर में भी कोरोना टीके की तीसरी डोज लगाने कार्य शुरू कर दिया गया है। जिला के सीएमओ डा. संजीव सहगल ने बताया कि जिला में आज से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का कार्य शुरू किया गया है। वैक्सीन यह तीसरा टीका फ्रंटलाइन वर्कर स्वास्थ्य कर्मी शामिल है। इसके साथ ही उन बुजुर्ग लोगों को भी यह बूस्टर डोज दी का रही हैए जिन लोगों को वैक्सीन की पहली दो डोज का समय 39 सप्ताह हो चुका है।
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सरकार ने कॉमोर्बिडिटीज सर्टिफिकेट की डिटेल सरकार पहले ही वैक्सीनेशन कैंपेन के दौरान जारी कर चुकी है। सरकार की कॉमोर्बिटिज लिस्ट में कुल 22 बीमारियां शामिल हैं। जिसमें कुछ सूची में जारी की गई है….
1. डायबिटीज, किडनी डिजीज या डायलिसिस
2. कार्डियोवैस्कुलर डिजीज
3. स्टेम सेल ट्रांसप्लांट
4. कैंसर
5. सिरोसिस
6. सिकल सेल डिजीज
7. प्रोलोंगड यूज ऑफ स्टेरॉयड्स
8. इम्यूनो सप्रेसेंट ड्रग्स
9. मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
10. रेस्पिरेटरी सिस्टम पर एसिड अटैक
11. हाई सपोर्ट की जरूरत वाले विकलांग
12. मूक बधिर-अंधापन जैसी मल्टीपल डिसेबिलिटी
13. गंभीर रेसपिरेटरी डिजीज से दो साल अस्पताल में रहें हों
बूस्टर डोज उसी वैक्सीन की लेना है जिसकी आपने पहले दो डोज लिए थे।
सेकेंड डोज के बाद कम से कम 9 महीने का अंतर हो तो वह सबसे बेहतर है।
बूस्टर डोज के दौरान भी वहीं सावधानियां रखना है जो पहले और सेकेंड डोज के दौरान फॉलो किए थे। खाली पेट वैक्सीन नहीं लगवाए,
मास्क लगाकर जाए, वैक्सीन के बाद रेस्ट करें।
बूस्टर डोज के बाद भी बुखार आ सकता है। बूस्टर डोज के बाद एंटीबॉडी 3 से 6 महीने तक बनी रहेगी। बूस्टर डोज से हर्ड इम्युनिटी का कोई संबंध नहीं है। हर्ड इम्युनिटी तभी होगी, जब सबको इंफेक्शन होगा। हर्ड इम्युनिटी उसे कहा जाता है जो प्राकृतिक रूप से विकसित होती है।
हालांकि अन्य विशेषज्ञों के मुताबिक इसे बूस्टर डोज नहीं कहा जा सकता है। यह एक तरह से प्रिकॉशनरी डोज है।