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कोरोना महामारी का कहर अभी भी खत्म नहीं हुआ है। हालांकि, कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप को खत्म करने के लिए लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं, अब 10 जनवरी, 2022 से कोरोना वैक्सीन (Vaccination) की बूस्टर डोज (Booster Dose) प्रक्रिया में एहतियाती खुराक शुरू हो रही है। ये खुराक अभी केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स और बुजुर्गों को ही लगाई जाएगी।
देश में कोरोना लगातार फैल रहा है और दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, देश में 15 से 18 वर्ष के किशोरों का टीकाकरण शुरू हो चुका है। अब 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज भी लगाई जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने की बात कही है। वैक्सीन की यह बूस्टर डोज बेहद जरूरी है। बता दें कि देश में अभी तक 90 प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज और 62 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है। वहीं, अब देश में वैक्सीन की तीसरी खुराक को एहतियाती खुराक कहा गया है। सरकार का मानना है कि एहतियाती खुराक के निर्णय से स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों का विश्वास मजबूत होगा।
बूस्टर डोज प्रक्रिया में कोरोना वैक्सीन की एहतियाती खुराक अभी केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स (Frontline Workers) और हेल्थकेयर वर्कर्स (Healthcare Workers) को ही लगाई जाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार इनकी संख्या करीब 3 करोड़ के आसपास है। इनके अलावा डॉक्टर से सलाह लेकर बुजुर्ग भी तीसरी डोज ले सकते हैं।
देश में जब वैक्सीन प्रक्रिया शुरू हुई थी तब सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ केयर वर्कर्स को ही वैक्सीन लगाई गई थी। ऐसे में इनको वैक्सीन लगाए हुए काफी समय हो गया है। इसलिए अभी केवल इनको ही एहतियाती खुराक दी जाएगी। बता दें कि बुजुर्गों को कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा है, ऐसे में बुजुर्गों को तीसरी डोज दी जाएगी।
सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज को लगे हुए 9 महीने बीत जाने के बाद बूस्टर डोज दी जाएगी। यानी अगर किसी ने साल 2022 में जनवरी से मार्च के बीच कोरोना की दूसरी डोज लगवाई थी तो अब वह तीसरी डोज का पात्र होगा।
अभी सिर्फ गंभीर बीमारी से जूझ रहे बुजुर्गों को ही बूस्टर डोज लगाई जाएगी। ऐसे बुजुर्ग बिना कोमोरबिडिटी सर्टिफिकेट (Comorbidity Certificate) के अपने डॉक्टर की सलाह पर तीसरी डोज ले सकते हैं।
अगर आप तीसरी डोज के दायरे में आते हैं तो आपको सरकार की ओर से एक मैसेज भेजा जाएगा। तीसरी डोज का यह मैसेज कोविन प्लेटफॉर्म (Cowin Platform) की ओर से भेजा जाएगा।
बता दें कि बूस्टर डोज में वही वैक्सीन दी जाएगी जिसकी पहली दो डोज पात्र को लगी होगी। अगर पात्र ने पहली दो डोज को वैक्सीन की ली होंगी तो तीसरी डोज भी को वैक्सीन की ही लगेगी, जबकि अगर किसी ने पहली दो डोज कोविशील्ड की लगवाई होगी तो तीसरी डोज भी कोविशील्ड की ही लगेगी।
कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाते समय आपका कोविन पर अकाउंट बन चुका है। जिसके चलते अब बूस्टर डोज के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं होगी। अब सिर्फ मैसेज आने के बाद ही कोविन के जरिए बूस्टर डोज के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं।
बता दें कि जैसे कोविड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगने पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मिला है, ठीक उसी तरह बूस्टर डोज का भी सर्टिफिकेट मिलेगा।
कोरोना वायरस के कई नए रूप सामने आ रहे हैं। ऐसे में चुनौती का सामना करने की देश की क्षमता और आत्मविश्वास भी अभिनव भावना के साथ कई गुना बढ़ रहा है। टीकाकरण और जांच तेज करने के लिए राज्यों को मदद दी जा रही है। आज देश में 18 लाख आइसोलेशन बेड, 5 लाख ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1 लाख 40 हजार आईसीयू बेड, 90 हजार आईसीयू और नॉन आईसीयू बेड विशेष रूप से बच्चों के लिए और 3 हजार से ज्यादा पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, 4 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं।
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