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#Himachal में पर्यटन को पटरी पर लाना है तो करने होंगे ये काम
धर्मशाला। कोरोना महामारी से प्रदेश में हर क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है विशेष रूप से भवन निर्माण, व्यापार, होटल व्यवसाय, यातायात कार्य, सेवा क्षेत्र, विनिर्माण क्षेत्र आदि पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है। हालांकि प्रदेश सरकार ने हिमाचल (Himachal) के बॉर्डर पर्यटकों के लिए खोल दिए हैं, इसके बावजूद पर्यटकों ने हिमाचल आने में रुचि नहीं दिखाई है। दूसरी ओर पर्यटन सीजन का अधिकतर हिस्सा बीत चुका है। ऐसे में हिमाचल में पर्यटन को पुनः पटरी पर लाना है तो पर्यटन विभाग को कोविड-19 महामारी (Covid-19 Epidemic) के प्रभावों को कम करने के लिए इवेंट मैनेजमेंट, वर्चुअल टूरिज्म, लोकल टूरिज्म एवं डोमेस्टिक टूरिज्म और शॉर्ट टर्म पॉलिसी पर ध्यान केन्द्रित कर इसके प्रभावों को कम करना होगा।
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प्रदेश स्तर पर “री-डिस्कवर हिमाचल” एवं “हिमाचल एक खोज” इस तरह के मार्केटिंग कैंपेन को सोशल मीडिया (Social Media) पर चलाना बहुत ही जरूरी है। “देखो अपना देश 2.0” एवं “घूमो अपना देश” इस तरह के मार्केटिंग कैंपेन के लिए रणनीति बनानी आवश्यक है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पर्यटन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. सुमन शर्मा ने हिमाचल अभी अभी से विशेष बातचीत में बताया कि हिमाचल में पर्यटन को पुनः पटरी पर लाना है तो पारंपरिक तरीके कारगर नहीं होंगे। महामारी से उत्पन्न प्रभाव को तुरंत प्रभाव से कम करने के लिए पर्यटन विभाग सहित होटल व्यवसायी और ट्रेवल एजेंट्स को विश्वभर में टूरिज्म को लेकर चल रही नई सोच को अपनाना होगा। महामारी से उत्पन्न प्रभाव को तुरंत प्रभाव से कम करने के लिए निम्नलिखित पर्यटन के प्रकारों पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है …
इवेंट मैनेजमेंट :
प्रदेश को विभिन्न तरह के इवेंट को आयोजन करने के लिए पहल करनी चाहिए, जिससे होटल व्यवसायियों को लाभ पहुंचेगा। “सिमित/नियंत्रित पर्यटन और सुरक्षित पर्यटन” की रणनीति से पर्यटन को चलाया जाना बहुत ही आवश्यक है। जिससे पर्यटन की गतिविधि को फिर से गति मिल सके। यदि नियंत्रित पर्यटन गतिविधि के उपरांत किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो उसको को तुरंत प्रभाव से आसानी से निपटा जा सके।
वर्चुअल टूरिज्म :
देश के विभन्न राज्यों को अपने विभिन्न पर्यटन स्थलों का वर्चुअल टूर (Virtual tour) करवाने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए| पर्यटक वर्चुअल टूर का जिला या राज्य की टूरिज्म वेबसाइट से किसी भी पर्यटन स्थल का वर्चुअल टूरिज्म का आनंद ले सकते सकेंगे। किसी भी पर्यटक स्थल का वर्चुअल टूर करने के उपरांत पर्यटक के मन में उस पर्यटन स्थल को विजिट करने की उत्सुकता पैदा होती है और वह सोचते हैं की वह अपने दोस्तों एवं परिवार के साथ आने वाले समय में विजिट करेंगे। वर्चुअल टूर लम्बे समय तक पर्यटक के दिमाग को प्रभावित करता है और उस पर्यटन स्थल में जाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
लोकल टूरिज्म एवं डोमेस्टिक टूरिज्म :
कोविड-19 से बहुत सारी पर्यटन की गतिविधियाँ बंद होने के कारण लोकल टूरिज्म और डोमेस्टिक टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सकता है। जिससे स्थानीय पर्यटन की एक्टिविटी को शुरू किया जा सके। टूरिज्म मार्केटिंग कैंपेन जिला एवं राज्य स्तर पर चलाए जाने चाहिए ताकि डोमेस्टिक टूरिज्म एवं लोकल टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके। नियंत्रित पर्यटन की गतिविधियां को शुरू करके कोविड-19 महामारी के दौर में पर्यटन से जुडी आर्थिक गतिविधियों को शुरू करना चाहिए। सभी पर्यटक स्थलों पर डिसइन्फेक्टेंट एवं सेनेटाइजर की व्यवस्था करने पर ध्यान देना चाहिए। जिससे सुरक्षित पर्यटन स्थल की छवि बने और पर्यटकों के अन्दर डर की भावना ख़त्म करने का प्रयास करना चाहिए। मास टूरिज्म बड़े पैमाने पर आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है परन्तु मास टूरिज्म कोरोना महामारी को बड़े स्तर पर लोगों में फैलने का कारण भी बन सकता है। अत: किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति पैदा न हो इसके लिए नियंत्रित डोमेस्टिक टूरिज्म पर ज्यादा ध्यान देना बहुत ही आवश्यक बन जाता है।
कोविड-19 पर्यटन उत्थान शॉर्ट टर्म पॉलिसी :
कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित पर्यटन को वापिस पटरी पर लाने के लिए शोर्ट टर्म पॉलिसी बनानी चाहिए जिससे पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। स्थानीय पर्यटन स्थलों में इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करके टूर ऑपरेटर्स को सेनिटाइजर एवं थर्मल स्कैनर की व्यवस्था को अनिवार्य करने के उपरान्त पर्यटन की गतिविधियों को गति देने का काम करना चाहिए। पर्यटन की डिमांड एवं सप्लाई के प्रोटेक्शन के उपायों को तुरन्त प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए और पर्यटन के उत्थान के लिए मल्टी स्टेप स्ट्रेटेजी का तैयार किया जाना बहुत ही आवश्यक हो जाता है।