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तुर्की और पड़ोसी उत्तर पश्चिमी सीरिया में भूकंप ने गई शहरों को तबाह कर दिया है। भूकंप से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 5000 पार कर गया है। सोमवार तड़के दोनों देशों में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, पूरे अपार्टमेंट ब्लॉक गिर गए, अस्पताल बर्बाद हो गए, और हजारों लोग घायल या बेघर हो गए।
भूकंप में नष्ट हुई 4,758 इमारतों से करीब 8,000 लोगों को बचाया गया है। बचाव अभियान लगातार जारी है। ठंड के मौसम में रात भर लोग अपने को तलाश रहे हैं। जहां तक नजर जाती है तबाही दिख रही हैं। मलबों के अंबार में से लोग अपनों को खोज रहे हैं।
बचाव अभियान के बीच तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने भूकंप को एक ऐतिहासिक आपदा बताया और कहा कि अधिकारी वह सब कर रहे हैं जो वे कर सकते थे।
उन्होंने कहा, “हर कोई अपने दिल और आत्मा को प्रयासों में लगा रहा है, हालांकि सर्दी का मौसम, ठंड का मौसम और रात के दौरान भूकंप आने से चीजें और मुश्किल हो जाती हैं।” उन्होंने कहा कि 45 देशों ने खोज और बचाव प्रयासों में मदद करने की पेशकश की थी। देश में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
भूकंप से मची तबाही के बीच तुर्की में फिर भूकंप का बड़ा झटका महसूस हुआ है। रिक्टर स्केल पर 5.9 तीव्रता मापी गई। अभी तक यहां पर कुल 145 से अधिक बार भूकंप के झटके लग चुके हैं। तुर्की में विनाशकारी भूकंप के बाद भारत समेत कई देश उसकी मदद के लिए आगे आए हैं। भारत की ओर से एनडीआरएफ की टीमें भेज दी गई हैं। जो वहां जाकर राहत व बचाव कार्य में जुटी तुर्की की सेना की मदद करेंगी। वहीं, अमेरिका, चीन, तालिबान समेत कई देश राहत व बचाव कार्य के लिए टीमें भेज रही हैं।
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