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भगवान शिव का ऐसा अनोखा मंदिर जहां भक्त दूध के साथ चढ़ाते हैं झाड़ू
Pataleshwar Shiva Temple: भगवान शंकर को सौम्य और रौद्र दोनों रूपों में पूजा जाता है। भगवान शिव को त्रिदेवों में संहार का देवता माना जाता है। देश व विदेश में महादेव के बहुत से मंदिर हैं जिन की अपनी एक कहानी हैं। कुछ ऐसे रहस्यमयी मंदिर भी हैं, जिनके रहस्यों को आज तक कोई भी नहीं जान पाया। हम जब भी किसी मंदिर में जाते हैं तो कुछ ना कुछ चढ़ावा जैसे फूल, फल, सोना, चांदी आदि भी चढ़ाते हैं। आज हम आप को ऐसे शिव मंदिर के बारे में बता रहे हैं भक्त झाड़ू चढ़ाकर रोगों से मुक्ति पाते हैं। यह मंजिर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और संभल जिले के बहजोई के सादतबाड़ी नामक गांव में है, जिसे पतालेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में शिव जी को झाड़ू चढ़ाने के लिए सोमवार, शिवरात्रि और सावन के महीने में लंबी कतार लगी रहती है।
पवित्र शिवलिंग का आधार पाताल में
कहते हैं कि इस मंदिर में स्थित भगवान भोले नाथ के पवित्र शिवलिंग का आधार पाताल में है, इसलिए मंदिर को पातालेश्वर महादेव का मंदिर कहा जाता है। बताया जाता है कि शिवलिंग की गहराई परखने के लिए शिवलिंग को उखाड़ने की कई बार कोशिश की गई थी लेकिन कोई भी पवित्र शिवलिंग को हिला नहीं सका। इस मंदिर में सदियों से दूध के साथ भगवान शिव को झाड़ू चढ़ाने की परंपरा चली आ रही हैं। दूर-दूर से लोग यहां झाड़ू चढ़ाने के लिए आते हैं। इस मंदिर में भगवान शिव को झाड़ू चढ़ाने से त्वचा से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती हैं।
1902 में हुई थी मंदिर की स्थापना
पातालेश्वर महादेव शिव मंदिर की स्थापना 1902 में हुई थी। इस मंदिर में साल में दो बार मेला भी लगता है। इस मंदिर परिसर के पास ही पशुपतिनाथ मंदिर की तरह ही दिखने वाला एक अन्य मंदिर भी स्थापित है जिसमें पांच सौ एक शिवलिंग हैं।