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उत्तराखंड CM को CBI जांच से राहत: हाईकोर्ट के फैसले पर SC ने लगाई रोक
देहरादून। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सीबीआई जांच से राहत देते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इससे पहले बुधवार को HC ने उत्तराखंड सीएम के खिलाफ सीबीआई जांच को मंजूरी दी थी। इसके बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे और अब सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। इसके साथ ही सीएम के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में दर्ज हुई एफआईआर पर सीबीआई जांच को रोक दिया गया है। नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला चौंकाने वाला था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इससे अलग हाईकोर्ट के किसी और आदेश पर टिप्पणी नहीं की है।
जानें क्या है मामला
बता दें कि पत्रकार उमेश शर्मा ने सीएम त्रिवेंद्र के खिलाफ पैसों के लेन-देन का आरोप लगाया था। उमेश शर्मा ने एक रिटायर्ड प्रोफेसर और उनकी पत्नी के बैंक खातों का जिक्र करते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान उनके खातों में झारखंड से पैसे भेजे गए थे, जिसके बाद इन पैसों को त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिया जाना था। पत्रकार ने शिकायत में प्रोफेसर की पत्नी को सीएम की पत्नी की बहन बताया था। इन आरोपों के बाद रिटायर्ड प्रोफेसर ने पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ देहरादून में कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले में पत्रकार उमेश शर्मा व शिव प्रसाद सेमवाल को गिरफ्तार कर लिया था।
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पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 धोखाधड़ी, 467 मूल्यवान कागजों के साथ धोखाधड़ी, 468 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व कागजों के साथ धोखाधड़ी के लिए छेड़छाड़, 469 प्रतिष्ठा को नुकसान पहुचाने के लिए धोखाधड़ी, 471 बेईमानी से जाली दस्तावेज के रूप को सही करना और 120-बी आपराधिक षडयंत्र रचने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद अब अदालत ने पत्रकार के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है।