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मलबा गिरने से गाड़ियां दबी , नदी नाले उफान पर, कालका-शिमला रेल मार्ग अवरुद्ध
हिमाचल प्रदेश में बीती रात को हुई भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। जगह- जगह भूस्खलन हुए हैं, पेड़ गिरे हैं और कई जगह मलबे की चपेट में गाड़ियां आ गई है। प्री मॉनसून की पहली ही बारिश ने प्रदेश में तबाही मचा दी है। राजधानी शिमला के स्मार्ट सिटी के विकास कार्यों की भी बारिश ने पोल खोल कर रख दी है। राजधानी के कृष्णा नगर में रात हुई बारिश के बाद बहाव ने नाले को तोड़ कर अपना रुख बदला और मलबे के साथ 4 गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। गाड़ियां तो क्षतिग्रस्त हुई ही साथ ही स्लाटर हाउस को जाने वाली सड़क में भी सारा मलबा आ गया और सड़क नाले में तब्दील हो गई।
इसी तरह समरहिल में पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई है। ढली बाईपास रोड भी मलबा आने से NH-5 कुछ समय के लिए बंद रहा । शिमला लाल पानी में मलबे की चपेट में आए गाड़ियों के मालिकों ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर जो नाले बनाए गए उनमें घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई है। जो प्री मॉनसून की बारिश में बह गया और उनकी गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचा है।
शिमला समिट्री के पास निर्माणाधीन टनल का मलबा लोअर सिमिट्री मे खड़ी 3 गाड़ियों पर जा गिरा। मलबे में आधी गाड़ियां दबी है और सड़क भी बाधित है। स्थानीय निवासी रमेश ठाकुर व देवेंद्र ठाकुरने आरोप लगाया कि टनल का निर्माण कार्य चला हुआ है जिससे पानी का बहाव सड़क व घरों की तरफ़ मोड़ दिया गया है। जिससे आने वाली बरसात में और भी भारी नुकसान होने की आशंका है।
सोलन के चायल कोटी में हुए भूस्खलन से कालका शिमला रेल मार्ग अवरुद्ध हो गया है, ट्रैन की आवाजाही भी ठप हो गई है। भारी बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर है सतलुज व ब्यास नदियों का जल स्तर भी बढ़ गया है। मौसम विभाग ने आज के लिए येलो अलर्ट जबकि 25 व 26 जून को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
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