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गौशाला को नहीं, कब्रिस्तान को दे दी सरकारी जमीन, लोगों ने हनुमान चालीसा पढ़ जताया विरोध
Una News : ऊना। जिला ऊना के गांव नंगल सलांगड़ी में जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा कब्रिस्तान के लिए दी जा रही चार कनाल सरकारी भूमि को लेकर ग्रामीणों ने ऐतराज व्यक्त किया है। इसी मामले को लेकर ग्राम पंचायत की प्रधान आशा देवी के नेतृत्व में पंचायत के सदस्य और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने डीसी कार्यालय (DC Office) पहुंचकर इस कब्रिस्तान का विरोध किया और कहा कि बाहर से आकर बसे दो परिवारों के लिए गांव में कब्रिस्तान के लिए सरकारी भूमि (Government Land) देना गलत है। वहीं ग्रामीणों ने एमसी पार्क (MC Park Una) में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।
उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी
ग्रामीणों ने कहा कि इसी भूमि पर ग्राम पंचायत द्वारा गौशाला बनाने के लिए जब जिला प्रशासन (District Administration) से अनुमति मांगी गई थी तो इसे नॉन अलॉटेबल जमीन बता कर गौशाला का काम रुकवा दिया गया था। लेकिन अब इसी जमीन को कब्रिस्तान के लिए किस आधार पर आवंटित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि अब भी सरकार और प्रशासन उनकी बात नहीं मानी तो उसके लिए उग्र प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
डीसी से फैसला वापिस लेने को उठाई आवाज
जिला ऊना मुख्यालय (District Una Headquarters) के करीबी गांव नंगल सलांगड़ी में जिला प्रशासन द्वारा कब्रगाह के लिए दी जा रही जगह का ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। एक और जहाँ ग्रामीणों ने डीसी ऊना को ज्ञापन सौंप (Memorandum submitted to DC Una) अपना विरोध दर्ज करवाते हुए इस फैसले को वापिस लेने की मांग उठाई वहीं एमसी पार्क (MC Park) में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ कर भी विरोध जताया। ग्रामीणों का आरोप है कि बाहर से आकर बसे दो मुस्लिम परिवारों द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को धोखे में रखकर इस कब्रगाह के लिए जमीन अलॉट करवाने हेतु हस्ताक्षर करवाए गए हैं।
कब्रिस्तान के लिए चार कनाल सरकारी भूमि
वहीं, इस हस्ताक्षर (Signature) के आधार पर अब जिला प्रशासन इन दो परिवारों को कब्रिस्तान के लिए चार कनाल सरकारी भूमि देने जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब यह परिवार इस गांव के पुश्त दर पुश्त निवासी हैं ही नहीं तो फिर ऐसे में इन्हें कब्रगाह बनाने के लिए गांव में कैसे जमीन दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसी जमीन को गौशाला के लिए अलॉट करने से जिला प्रशासन ने साफ तौर पर इंकार कर दिया था, जिसके लिए इस जमीन को नॉन एलॉटेबल (Non Allocatable) बताया गया था। लेकिन अब किस आधार पर इसी जमीन को कब्रिस्तान के लिए दिया जा रहा है।
झूठ बोलकर लोगों से करवाए हस्ताक्षर
ग्राम पंचायत की प्रधान आशा देवी का कहना है कि बाहर से आकर बसे दो परिवारों ने ग्राम पंचायत के कुछ सदस्यों के हस्ताक्षर यह कहकर करवा लिए कि उन्हें केवल इस गांव के निवासी होने का प्रमाण देना है, जबकि उन्हें दस्तावेजों को जिला प्रशासन के पास लाकर अब कब्रिस्तान (Cemetery) के लिए जगह अलॉट करवाई जा रही है। जिस किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुनैना जसवाल