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Vodafone बोला- 15 साल में जो कमाया, सब खत्म; SC ने कहा- अब जेल भेजेंगे
नई दिल्ली। अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदित्य बिड़ला ग्रुप की टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अब वो कंपनी के अधिकारी को जेल भेज देगा। वहीं मामले की सुवाई के दौरान कंपनी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि वोडाफोन आइडिया ने पिछले 15 वर्षों में जितना रेवेन्यू हासिल किया वो सब खत्म हो चुका है। ऐसे में एजीआर (AGR) की रकम तुरंत चुकाना उसके बूते के बाहर की बात है। बता दें कि टेलिकॉम डिपार्टमेंट की तरफ से वोडाफोन आइडिया पर करीब 58 हजार करोड़ रुपए का बकाया होने का दावा किया गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश 10 अगस्त तक के लिए टाल दिया है।
अब से जो गलत करेगा, हम उसे सीधे जेल भेज देंगे
मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि अगर दशकों से आप घाटे में चल रहे हैं तो हम आप पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? आप एजीआर का बकाया कैसे चुकाएंगे? जिस पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि अगर आप हमारे आदेश का पालन नहीं करेंगे तो हम सख्त ऐक्शन लेंगे। अदालत की तरफ से बेहद सख्त लहजे में कहा गया कि अब से जो गलत करेगा, हम उसे सीधे जेल भेज देंगे। इस पर कंपनी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील रोहतगी ने कहा कि कंपनी का पूरा का पूरा नेटवर्थ पिछले 15 सालों में खत्म हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि हमने वित्तीय दस्तावेज, जैसे इनकम टैक्स रिटर्न्स, जमा करवा दिए हैं। पिछले 15 सालों में कंपनी का पूरा नेटवर्थ खत्म हो गया। पूरा रेवेन्यू कर्ज, टैक्स और बकाया चुकाने में खत्म हो गया है। प्रमोटरों ने 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के शेयर खरीदे थे, वो भी खत्म हो गए।
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बकाये को लेकर भी एकमत नहीं है कंपनी और डिपार्टमेंट
रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि पिछले 10 वर्षों में 6.27 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू प्राप्त हुआ जिसमें 4.95 लाख करोड़ रुपए परिचालन लागत (ऑपरेशनल कॉस्ट्स) पर खर्च हो गया। उसने कहा कि उसके ऐसेट्स पर बैंकों से पहले ही लोन लिए जा चुके हैं, इसलिए अब उसे कोई लोन भी नहीं देने वाला। बता दें कि वोडाफोन आइडिया पर टेलिकॉम डिपार्टमेंट का कुल 58 हजार करोड़ रुपए का बकाया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नॉन-टेलिकॉम रेवेन्यू भी कर्ज के रूप में शामिल है। कंपनी को मार्च 2020 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में 73,878 हजार करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। वहीं, कंपनी का कहना है कि डिपार्टमेंट के आकलन में कुछ गलतियां हैं और उसने अतीत में दी गई रकम को बकाया रकम से घटाया नहीं है। कंपनी के मुताबिक, अब उस पर सिर्फ 46 हजार करोड़ रुपए का ही बकाया है।