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दूध की चाय या ब्लैक टीः कौन सी चाय है सेहत के लिए बेस्ट, यहां पढ़े
आम भारतीय परिवारों में लोग दिन की शुरुआत चाय से करते हैं। हमारे देश में चाय के शौकीन भी कम नहीं है। चाय के मामले में सभी की पसंद अपनी अपनी है। कुछ लोग कड़क चाय पीना पसंद करते हैं तो कुछ कम चीनी वाली। जो लोग हेल्थ कॉन्शियस हैं वो बिना दूध की यानी ब्लैक टी पीना पसंद करते हैं। लेकिन घर पर कोई आ जाए तो पहले चाय ही पूछी जाती हैं। शायद यहीं कारण है कि हमारे देश में चाय की खपत सबसे अधिक होती है। आप में से कई लोग ऐसे होंगे जो नाश्ता या फिर खाना खाने के बाद चाय पीना पसंद करते हैं। लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ब्लैक टी हो या दूध वाली चाय इन दोनों के अपने -अपने फायदे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ब्लैक टी और दूध वाली चाय के बीच क्या अंतर होता है। आज हम इन दोनों चाय के बीच का फर्क बताते हैं।
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वैसे ब्लैक टी या काली चाय को हेल्थ के लिए काफी अच्छी मानी गई है। इससे व्यक्ति को कई बेहतरीन लाभ मिलते हैं। यह कोरोनरी धमनी की बीमारी को ठीक करने में मदद करती है। इतना ही नहीं, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।अगर कोई दमा से पीड़ित है तो उसे ब्लैक टी पीने से बहुत अधिक फायदा होता है क्योंकि यह एयरवे को चौड़ा करती है, जिससे उन्हें अधिक बेहतर तरीके से सांस लेने में मदद मिलती है। साथ ही, इससे उन्हें काफी आराम भी महसूस होता है। वैसे यह महिलाओं को मेनोपॉज के चरण में कई तरह की समस्याओं से राहत दिलाती है।ब्लैक टी पाचन तंत्र के मुद्दों को ठीक करने में मदद करती है। यह हड्डियों की डेंसिटी को बढ़ाती है, जिससे गठिया का खतरा कम होता है।
काली चाय यूं तो सेहत के लिए लाभदायक है, लेकिन इसे सही समय पर पीना बेहद आवश्यक है। आपको खाने के तुरंत बाद ब्लैक टी पीने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें फिनोल नामक रसायन होता है। यदि भोजन के तुरंत बाद काली चाय का सेवन किया जाता है, तो चाय में मौजूद फिनोल भोजन में आयरन के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं। जिन लोगों में पहले से ही आयरन की कमी है उन्हें खाना खाने के बाद ब्लैक टी पीने से बचना चाहिए। इसके बजाय, वे दो मील्स के बीच और दिन की शुरुआत में इसका सेवन कर सकते हैं।
काली चाय के बाद अब बात करते हैं दूध की चाय की। इसके भी अपने लाभ है। एक अच्छी कप मिल्क टी शरीर को ताकत देती है। दूध में कैल्शियम की मात्रा विशेष रूप से हड्डियों को मजबूत करती है। यह ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है और तनाव को कम करने में भी मदद करती है क्योंकि इसमें कैफीन होता है, जो शरीर को तरोताजा कर देता है। दूध की चाय में एक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होता है जो चाय में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है। अपने कार्बोहाइड्रेट, खनिज और कैल्शियम सामग्री के कारण, दूध की चाय को तेजी से एक स्वस्थ पेय माना जाता है।
हालांकि, दूध की चाय का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। बहुत अधिक दूध वाली चाय के सेवन से टाइप 2 मधुमेह, चिंता, अनिद्रा, ऑयली त्वचा और मुंहासे, कब्ज, डिहाइड्रेशवन, महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी और लत हो सकती है। दूध वाली चाय का सेवन करने का एक नुकसान यह भी है कि दूध चाय के आवश्यक स्वास्थ्य लाभों को पतला कर देता है।