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भूस्खलन वाले अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में लगेंगे डंगे: कृषि मंत्री चंद्र कुमार
जवाली। जवाली विधानसभा क्षेत्र के कोटला और भेड़खड्ड क्षेत्र में बीते 20 अगस्त को भारी बरसात के कारण पहाड़ियों के दरकने (Landslide in Hills) से भारी नुकसान हुआ है। न्यांगल और सोलधा में अब तक 13 घर जमींदोज (House Collapsed) हो चुके हैं, जबकि 48 से अधिक मकानों को ऐहतियातन खाली करवा लिया गया है। कोटला में भी दो दर्जन से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसे देखते हुए कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने रविवार को कहा कि भविष्य में इस क्षेत्र में भूस्खलन से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए अतिसंवेदनशील जगहों पर चरणबद्व तरीके से डंगे (Wire Crate Work) लगाए जाएंगे।
उन्होंने वन, ग्रामीण विकास तथा जलशक्ति विभाग को इस काम के लिए आंकलन रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। बरसात के कारण हुए नुकसान को देखते हुए नालों और कूहलों का चैनलाइजेशन करने को भी कहा गया है।
जियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट के बाद बनेगी योजना
चंद्र कुमार ने कोटला, बलाह और न्यांगल पंचायत के बाड़ा और सोलधा पंचायत में बरसात से प्रभावित क्षेत्रों का प्रशासन व विभागीय अधिकारियों की टीम के साथ दौरा कर नुकसान का जमीनी जायजा लिया। कृषि मंत्री ने कहा कि इस समय हिमाचल प्रदेश भयंकर आपदा के दौर से गुजर रहा है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को समय पर राहत पहुंचाना और स्थाई पुनर्वास ही राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन को देखते हुए इन क्षेत्रों का जियोलॉजिकल सर्वे (Geological Survey) करवाया जा रहा है। सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए वैज्ञानिक योजना तैयार की जाएगी।
प्रभावित परिवारों को बांटी सहायता राशि
कृषि मंत्री ने मकान क्षतिग्रस्त होने पर 7 परिवारों को एक-एक लाख रुपए के चेक, 4 परिवारों को 5-5 हज़ार रुपए, जबकि 4 परिवारों को फौरी राहत के रूप में 10-10 हजार रूपये की नकद राशि प्रदान की। उन्होंने बताया कि न्यांगल पंचायत में प्रभावित हुए 2 दर्जन परिवारों को अब तक 23 लाख 20 हज़ार रुपए की फौरी राहत प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों के स्थाई पुनर्वास के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
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