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कमाल का Software : चेहरे की पहचान कर ढूंढ निकाला पांच साल पहले लापता बच्चा
हैदराबाद। टेक्नोलॉजी ऐसी चीज है जो कुछ भी संभव कर सकती है। यही टेक्नोलॉजी काफी लोगों के लिए वरदान साबित होती है। तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) ने उत्तर प्रदेश से पांच साल पहले कथित रूप से लापता हुए एक बच्चे को ढूंढ निकाला। ये सब संभव हुआ चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर ‘ह्यदर्पण’ की मदद से। सॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लगाकर बच्चे को उसके परिवार से मिलाने में पुलिस ने कामयाबी हासिल की है। सोम सोनी नामक यह बच्चा 2015 में इलाहाबाद के हंडिया से अपने परिवार से बिछड़ गया था और फिलहाल वह असम के एक बाल गृह (Children’s home) में रह रहा था।
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तेलंगाना की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महिला सुरक्षा शाखा) स्वाति लाकड़ा ने बताया कि असम के ग्वालपाड़ा स्थित एक बाल गृह में बच्चे का पता चला। लापता लड़के को 23 जुलाई, 2015 को ग्वालपाड़ा पुलिस ने स्थानीय बाल कल्याण केंद्र में भेज दिया था। अधिकारी ने बताया कि तेलंगाना पुलिस द्वारा विकसित चेहरा पहचान सॉफ्टवेयर ह्यदर्पण देश के विभिन्न बचाव केंद्रों में रह रहे बच्चों और लोगों का डाटाबेस (Database) तैयार रखता है। यह ऐप लापता लोगों के फोटो का इन केंद्रों में रह रहे लोगों के फोटो से मिलान करता है और तेलंगाना पुलिस ने उसकी मदद से लापता बच्चों के फोटो का देश के विभिन्न बाल कल्याण केंद्रों के बच्चों की तस्वीरें से मिलान किया तब इस लड़के का पता चला।
तेलंगाना पुलिस ने तुरंत हंडिया पुलिस स्टेशन, इलाहाबाद के संबंधित स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) को सूचित किया, जिन्होंने लापता बच्चे के माता-पिता को सूचित किया। वे बाल कल्याण केंद्र पहुंचे और अपने बच्चे की पहचान की। पुलिस अधिकारी ने कहा कि तेलंगाना राज्य पुलिस ने पांच साल बाद बच्चे को उसके माता-पिता से मिलाकर बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ह्यदर्पण के माध्यम से पूरे भारत में कई लापता बच्चों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि उन्हें उनके परिवार के पास भेजा जा सके।