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एटीएम अब घाटे का सौदा, फ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजेक्शन पर देने होंगे 21 रूपए
एटीएम लगातार घाटे का सौदा बनता जा रहा है। यानी एटीएम से कैश निकालना महंगा (Expensive) जो हो गया है। आरबीआई ने ट्रांजैक्शन के चार्ज में बढ़ोतरी की इजाजत दे दी है। जिससे ग्राहकों पर इसका फर्क पड़ेगा। आपको एटीएम (ATM)में ट्रांजेक्शन की फ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजेक्शन पर 21 रूपए देने होंगे। अभी तक ग्राहकों को अपने बैंक के एटीएम से महीने में 5 बार फ्री लेन-देन की इजाजत हैए जबकि मेट्रो शहरों में दूसरे बैंक के एटीएम से 3 ट्रांजेक्शन फ्री है और नॉन मेट्रो शहर में दूसरे बैंक के एटीएम से 5 ट्रांजेक्शन (Transaction)फ्री हैं। इस फ्री ट्रांजेक्शन की लिमिट में (Financial and non-Financial) वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों तरह के लेन-देन शामिल हैं। इस सीमा के बाद अगर ग्राहक एटीएम से कोई ट्रांजैक्शन करता है तो उसे प्रति ट्रांजेक्शन 21 रूपए देने होंगे, जो कि अबतक 20 रूपए थे। आरबीआई (RBI) के सर्कुलर के मुताबिक ग्राहकों (Customers) पर ये फीस 1 जनवरी, 2022 से लागू होगी। यानी नए साल के पहली तारीख से आपको अधिक शुल्क का भुगतान करना होगा।
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इसी तरह भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने एटीएम के जरिए होने वाले हर वित्तीय लेनदेन पर इंटरचेंज फीस को 15 रूपए से बढ़ाकर 17 रूपए करने का ऐलान किया। ग्राहकों पर लागू शुल्क में अगस्त 2014 में संशोधन किया गया था। ऐसे में समिति की सिफारिशों (Recommendations) की पड़ताल के बाद इंटरचेंज फीस और कस्टमर शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया गया है। आरबीआई के मुताबिक बैंकों व एटीएम ऑपरेटर्स पर पड़ने वाली एटीएम डिप्लॉयमेंट लागत और रखरखाव खर्च के साथ सभी हितधारकों व ग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। केंद्रीय बैंक ने गैर-वित्तीय लेनदेन के शुल्क को 5 रूपए से बढ़ाकर 6 रूपए कर दिया है, जो 1 अगस्त 2021 से प्रभावी हो जाएगा।