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गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन करें मां तारा की आराधना, मिट जाएंगे सारे कष्ट
Last Updated on February 11, 2024 by Himachal Abhi Abhi
माघ मास की गुप्त नवरात्र का आज दूसरा दिन। आज माता की पूजा और साधना का करने से विशेष फल मिलता है। आज के दिन मां तारा देवी की पूजा होगी। तारा देवी को मां काली का स्वरुप बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार, तारा देवी श्मशान की देवी हैं। तारा देवी नर-मुंड की माला पहनती हैं और इन्हें तंत्र शास्त्र की देवी माना गया है। इनकी पूजा से सारे कष्ट मिट जाते हैं। सर्वप्रथम महर्षि वशिष्ठ ने तारा की आराधना की थी। यह तांत्रिकों की मुख्य देवी हैं। देवी के इस रूप की आराधना करने पर आर्थिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तारापीठ है इसी स्थान पर देवी तारा की उपासना महर्षि वशिष्ठ ने करके तमाम सिद्धियां हासिल की थी। तारा देवी का दूसरा प्रसिद्ध मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित है।
- गुप्त नवरात्र के दौरान हर रोज रात में मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं और मां को लाल फूलों की माला चढ़ाएं। इसके साथ ही चांदी की कोई वस्तु मां के श्रीचरणों में अर्पित करें। ऐसा करने से सफलता, खुशी, समृद्धि, आनंद और प्रेम में वृद्धि होती है।
- नौकरी या कारोबार में तरक्की के लिए गुप्त नवरात्र के दौरान दुर्गा सप्तशती के 12वें अध्याय का 21 बार पाठ करें और लौंग कपूर के साथ आरती करें। नवरात्रि के अंतिम दिन देवी दुर्गा के मंदिर में लाल रंग का झंडा चढ़ाएं। ऐसा करने से नौकरी और व्यापार में उन्नति होती है।
- जीवन की परेशानियों से मुक्ति के लिए नवरात्र के दौरान रात के समय मां दुर्गा की कपूर लौंग से आरती करें। साथ ही हर रोज भैरव बाबा के मंदिर में प्रार्थना करें। ऐसा करने से सभी अड़चन दूर होती हैं और सभी कार्य धीरे धीरे बनने लग जाते।