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Himachal:अब सिर्फ मिट्टी ही नहीं पानी में भी उगेगा आलू, ऊना के किसान ने कर दिखाया करनामा
Last Updated on February 10, 2021 by Sintu Kumar
ऊना। हिमाचल में काफी मात्रा में आलू की खेती की जाती है। अब तक आपने आलू की खेती (Potato Farming)मिट्टी में होती देखी है, लेकिन जिला ऊना के एक प्रगतिशील किसान ने पानी (Water) में आलू की खेती कर नया करनामा कर दिखाया है। किसान ने यह आलू की खेती हाइड्रोपोनिक से की है। ऊना जिला के गांव नंगल सलांगडी के कृषि विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान युसूफ खान पिछले लंबे समय से हाइड्रोपोनिक यानि पानी में खेती की तकनीक पर काम कर रहे हैं। लॉक डाउन के बीच युसूफ ने नया प्रयोग करते हुए जहां हाइड्रोपोनिक तकनीक (Hydroponic Technology)द्वारा ही फूल गोभी और ब्रॉकली की सफल पैदावार की थी। वहीं, अब युसूफ खान (Yusuf Khan)ने इस विधि से आलू के उत्पादन का भी परीक्षण किया है। युसूफ खान का यह प्रयोग काफी हद तक सफल रहा है और हाइड्रोपोनिक तकनीक से बोया गया आलू का बीज पौधे का रूप लेने के साथ-साथ उसमें आलू भी लगना शुरू हो गया है।
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बता दें कि इससे पहले युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से खीरा, लैट्यूस, टमाटर, पुदीना और स्ट्रॉबेरी की खेती भी की थी, जोकि कामयाब रही थी। फिलहाल युसूफ खान हाइड्रोपोनिक तकनीक से लैट्यूस का बड़े स्तर पर उत्पादन कर रहे है और उनके द्वारा तैयार लैट्यूस देश के कई बड़े होटल्स में सप्लाई हो रहा है। दरअसल जिन लोगों के पास खेतीबाड़ी करने के लिए भूमि नहीं है उनके लिए हाइड्रोपोनिक तकनीक ताज़ी सब्जियां उगाने (Growing vegetables) की एक बहुत ही सफल तकनीक है। इस तकनीक के जरिये घर के अंदर, छत पर या घर की दीवारों पर भी सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है। युसूफ खान की माने तो हाइड्रोपोनिक में आलू के उत्पादन को लेकर वो खुद उत्सुक थे, लेकिन अब आलू के पौधे में आलू लगना शुरू हुआ है तो इस परीक्षण के सफल होने की उम्मीद बंधी है।
डीसी ऊना ने भी किया मशरूम फ़ार्म का दौरा
युसूस खान द्वारा संचालित खान मशरूम फ़ार्म (Mushroom farm) को देखने यूं तो देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते है लेकिन डीसी ऊना (DC Una) राघव शर्मा ने भी खुद खान मशरूम फ़ार्म का दौरा किया और हाइड्रोपोनिक तकनीक के बारे जानकारी हासिल की। युसूफ खान की माने तो डीसी ऊना खुद इस तकनीक के प्रति खासे उत्साहित दिखे। हाइड्रोपोनिक तकनीक को देखने के बाद डीसी ऊना राघव शर्मा भी हैरान रह गए कि जिला में इस तकनीक का बेहतरीन प्रयोग किया जा रहा है। डीसी ऊना ने कहा कि उनके लिए यह दौरा खुद एक आंखे खोल देने वाला रहा। उन्होंने कहा कि कृषि के लिए यह एक बेहतर पद्धति है और उनका प्रयास रहेगा कि इस पद्धति को बढ़ावा दिया जाए।