-
Advertisement
अहोई अष्टमी व्रतः संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है व्रत, पूजा का शुभ मुहूर्त यहां पढ़े
Last Updated on October 17, 2022 by sintu kumar
कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। संतान की लंबी आयु और संतान प्राप्ति की मंशा से किया जाने वाले इस व्रत के दिन माता अहोई की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती और उनके पुत्रों की भी पूजा की जाती है। अहोई अष्टमी व्रत को काफी प्रभावशाली माना गया है।
यह भी पढ़ें:संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार अहोई अष्टमी पर्व पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। अष्टमी तिथि सोमवार सुबह 9.29 बजे से आरंभ होकर 18 अक्टूबर दिन मंगलवार को सुबह 11.57 बजे समाप्त होगी। अहोई माता की पूजा और कथा सुनने का शुभ मुहूर्त शाम 6.14 बजे से शाम 7.28 बजे तक रहेगा।
– सोमवार दोपहर 12 बजे से 12.47 बजे तक अमृतकाल
– मंगलवार देर रात 2.31 बजे से सुबह 4.19 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग
– सोमवार सुबह से शाम 4.02 बजे तक
इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु मिलती है। उसे जीवन में यश, कीर्ति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि की कमी नहीं रहती है। कई महिलाएं अपने बीमार बच्चों की निरोगी काया के लिए यह व्रत करती हैं। इस व्रत का असर और प्रभाव काफी शक्तिशाली माना गया है। जिन महिलाओं की गोद सूनी है वो संतान सुख का आशीर्वाद पाने के लिए यह व्रत करती हैं। अगर आपकी बहू अथवा बेटी की गोद भरने में विलंब हो रहा है तो आप ये उपाय कर सकते हैं। इस दिन अहोई माता और भोलेनाथ को दूध-भात का भोग लगाएं। चांदी की नौ मोतियों को लाल धागे में पिरो लें और माला तैयार करें। अहोई माता को ये माला चढ़ाएं और फिर अपनी संतान के लिए संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मांगे व पूजा करें। इसके बाद अपनी संतान और उनके जीवनसाथी को दूध-भात का प्रसाद खिलाएं। इसके बाद वह माला अपनी बहू अथवा बेटी, जिसके लिए आपने पूजा की है, उसे धारण करवा दें।
अहोई अष्टमी व्रत में इन बातों का रखें ख्याल
- -इस दिन अहोई माता की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर करें।
- -अहोई अष्टमी का व्रत तारों को देखकर खोला जाता है। इस दिन तारों के निकलने के बाद अहोई माता की पूजा की जाती है।
- -इस दिन कथा सुनते समय 7 प्रकार के अनाज अपने हाथों में जरूर रखें , पूजा के बाद यह अनाज किसी गाय को खिला दें.
- -अहोई अष्टमी के व्रत में पूजा करते समय बच्चों को साथ में जरूर बैठाएं और अहोई माता को भोग लगाने के बाद वह प्रसाद अपने बच्चों को जरूर खिलाएं।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए Subscribe करें हिमाचल अभी अभी का Telegram Channel…