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हिमाचल बीजेपी की बढ़ी मुश्किलें, यहां सैंकड़ों पदाधिकारियों ने अपने पद इस्तीफा देने का लिया फैसला
शिमला। हिमाचल में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी (BJP) को बड़ा झटका लगा है। रामपुर बुशहर से सैंकड़ों बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपने पदों से इस्तीफा (Resignation) देने का फैसला लिया है। इसका मुख्य कारण कौल सिंह नेगी (Kaul Singh Negi) को हिमकोफेड का अध्यक्ष बनाया जाना है। पदाधिकारियों का सीधा आरोप है कि जनजातीय जिला किन्नौर के स्थायी निवासी को रामपुर बुशहर कोटे से अध्यक्ष बनाना रामपुर बुशहर बीजेपी के उन सभी नेताओं का अपमान है जो कई वर्षों से निष्ठा पूर्वक पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में रामपुर बुशहर (Rampur Bushahr) के नाम पर दूसरे जिले के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाना किसी भी सूरत में उचित नहीं। ऐसे में उनके पास एक ही रास्ता बचता है कि वह अपने पद त्याग दें। बता दें कि सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने रामपुर बुशहर से हाल ही में कौल सिंह नेगी को हिमकोफेड का अध्यक्ष नियुक्त किया था। जिससे विशेष तौर पर बीजेपी रामपुर बुशहर अनुसूचित जाति वर्ग के कार्यकर्ता प्रदेश सरकार के इस निर्णय से बेहद आहत थे। इसी के चलते पार्टी पदाधिकारियों ने रविवार शाम को एक बैठक की। जिसमें बीजेपी के मंडल रामपुर बुशहर (BJP Mandal Rampur Bushahr) के उपाध्यक्ष सितेंद्र सिंह मिलर, एससी मोर्चा अध्यक्ष, मण्डल अध्यक्ष देवी सिंह बुशहरी, युवा मोर्चा अध्यक्ष ठाकुर दास राठी सहित करीब 100 से ज्यादा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं शामिल हुए। बैठक में सर्वसम्मति से सभी पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा देने का फैसला किया।
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इन पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा
इस्तीफा देने वालों में मुख़्य रूप से पूर्व प्रत्याशी प्रेम सिंह धरेक, पूर्व मंत्री सिंघी राम, ब्रिज लाल, केवल राम बुशहरी, मण्डल उपाध्यक्ष रोशन डोगरा, सितेंद्र मिलर, एससी मोर्चा अध्यक्ष देवी सिंह बुशहरी, युवा मोर्चा अध्यक्ष ठाकुर दास राठी, पंचायती राज प्रकोष्ठ के नन्दलाल बुशहरी, अनुसूचित जाति जिला उपाध्यक्ष मोहन लाल, महिला मोर्चा महामंत्री गुड्डी देवी भारती, ग्राम केंद्र अध्यक्ष बाबू राम, भूपेश कुमार, बीरबल, दीवान सिंह, मंगलदास, पूर्व मण्डल पदाधिकारी प्रकाश आज़ाद, मण्डल उपाध्यक्ष चेश्वर प्रसाद, मणि लाल, प्रेम जोशी, केसरी दत्ता, विकास लांबा व दीप कुमार सहित 100 से ज्यादा पदाधिकारियों में इस्तीफा दिया है।उन्होंने बताया कि प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर बूथ स्तर व पन्ना प्रमुख सहित अन्य विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ता कौल नेगी के विरोध में जल्द ही इस्तीफा सौंपेगे।
कांग्रेस को मिलेगा फायदा
बता दें कि एक ही क्षेत्र से इतने सारे पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के इस्तीफे के बाद बीजेपी की मुशिकलें बढ़ गई हैं। क्योंकि हाल ही में हुए मंडी उपचुनाव में सत्ता सीन बीजेपी के प्रत्याशी को 17 सीटों में सबसे कम वोट रामपुर से ही मिले और यही लीड हार का सबसे बड़ा कारण बनी थी। ऐसे में अब कार्यकर्ताओं के इस्तीफे के बाद प्रदेश की बीजेपी सरकार की मुशिकलें और बढ़ गई हैं। वहीं इस फायदा कांग्रेस को मिल सकता है।
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