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शिमला। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) की अगुवाई में हिमाचल के करीब 12 नेताओं ने नई दिल्ली (New Delhi) में हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) से मुलाकात की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुकेश अग्निहोत्री के साथ श्रीरेणुकाजी के विधायक विनय कुमार, पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल, पूर्व सांसद चौधरी चंद्र कुमार आदि ने राजीव शुक्ला से मुलाकात की। आखिर इस मुलाकात के क्या मायने हैं। हिमाचल (Himachal) कांग्रेस में यह क्या खिचड़ी पक रही है। राजनीति गलियारों में तो यहां तक भी चर्चा है कि कहीं हिमाचल संगठन में फेरबदल को लेकर तो नहीं कोई ताना बाना बुना जा रहा है।
बता दें कि हिमाचल कांग्रेस (Congress) संगठन में काफी लंबे समय से फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं। डल्हौजी की विधायक आशा कुमारी (Asha Kumari), पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर, श्रीनैना देवी के विधायक रामलाल ठाकुर व पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सिंह सुक्खू अध्यक्ष बनने की चाह रखे हुए हैं। हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के मंडी दौरे के दौरान तो सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी यह मंशा साफ जाहिर कर दी थी। शुक्ला के दौरे के दौरान कार्यक्रम में सुक्खू समर्थकों की नारेबाजी इस बात का प्रमाणित करती है। सुक्खू ने शुक्ला के समक्ष काफी हद तक शक्ति प्रदर्शन कर अपने आपको अध्यक्ष पद का दावेदार जताने की कोशिश की थी। वहीं, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर (Former Minister Kaul Singh Thakur) ने हाल ही में हाईकमान को पत्र भी लिखा भी था। आशा कुमार के पास पंजाब का प्रभार रहा है। उनके प्रभारी रहते पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी है। ऐसे में हाईकमान के साथ नजदीकियों के चलते आशा कुमारी भी हिमाचल की कमान संभालने की फिराक में हैं। ऐसे में सभी नेता अपने-अपने स्तर पर हाईकमान के साथ लोबिंग में लगे हुए हैं। हालांकि, हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने अपने हिमाचल दौरे में साफतौर पर कहा है कि अगर हम एकजुट होंगे तो 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पक्की है। उन्होंने कांग्रेस में किसी भी प्रकार की गुटबाजी से मना किया है। उन्होंने यहां तक कहा है कि किसी भी मुद्दे को मीडिया में ना ले जाकर संगठन के बीच की सुलझाया जाए। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुकेश अग्निहोत्री की अगुवाई में उक्त नेता राजीव शुक्ला से क्यों मिले हैं। क्या यह नेता भी संगठन में फेरबदल चाहते हैं या फिर मौजूदा संगठन की गतिविधियों से खुश हैं। पर ऐसे कयाय लगाए जा रहे हैं कि भविष्य में हिमाचल कांग्रेस संगठन में फेरबदल हो सकता है।
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