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बरसात आते ही हुई स्क्रब टाइफस की दस्तक, IGMC में 13 मरीज भर्ती
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश की आमद के साथ ही स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) की दस्तक हो गई है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में स्क्रब टाइफस के 13 मरीज भर्ती हुए हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएचसी और पीएचसी को आदेश जारी कर दिए हैं कि अगर कोई भी मरीज बुखार का सामने आए और उसके शरीर पर लाल दाने हों तो तुरंत उसका स्क्रब टाइफस का टेस्ट करवाएं, ताकि बीमारी का पता लगाया जा सके।
पिछले साल 10 से अधिक मरीजों की स्क्रब टाइफस के चलते मौत हुई थी। IGMC में भर्ती होने वाले अधिकांश मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हैं। फिलहाल प्रशासन स्क्रब टाइफस को लेकर अलर्ट पर आ गया है। बुखार तेज आने पर अस्पताल आने वाले मरीजों के स्क्रब टाइफस के टेस्ट करवाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि मरीजों और उनके तीमारदारों को भी इस बीमारी को लेकर जागरूक रहने की जरूरत है। बरसात के दिनों में (Rainy Season) स्क्रब टाइफस के मामले बढ़ जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में घास अधिक होने के चलते स्क्रब टाइफस पिस्सू लोगों को काटता है, जिससे मरीज को बुखार आ जाता है। ऐसे में समय पर अगर इलाज ना करवाएं तो ये जानलेवा भी हो सकता है।
आइसोलेशन वार्ड तैयार
स्क्रब टाइफस के मामले आने से IGMC प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। प्रशासन ने स्क्रब टाइफस पीड़ितों के लिए आइसोलेशन वार्ड (Isolation Ward) तैयार किया है, जिसमें पीड़ित मरीजों का उपचार हो रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि स्क्रब टाइफस फिलहाल काबू में है, इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
पिस्सू के काटने पर फैलता है स्क्रब टाइफस
स्क्रब टाइफस पिस्सू के काटने से फैलता है। इस बीमारी को फैलने में दो से तीन सप्ताह का समय भी लग सकता हैं। झाड़ियों, खेतों, कच्चे रास्तों, कैंपिंग, जंगलों या चूहों वाले स्थानों से होकर गुजरने वाले लोग अधिकतर इस रोग की चपेट में आते हैं। झाड़ियों में रहने वाले यह पिस्सू व्यक्ति को काट लेते हैं। इसके बाद संबंधित व्यक्ति के शरीर पर लाल निशान पड़ता है और चमड़ी उखड़ने के बाद निशान काले रंग का होने लगता है। स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में दिखाएं।
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