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कांग्रेसी एमएलए ने, तिब्बतियों को बताया अलग-थलग, मुख्यधारा में जोड़ने की पैरवी
शिमला में महात्मा बुद्ध की 2567 वीं जयंती धूमधाम (Birth Anniversary of Mahatma Buddha) से मनाई गई। इस आयोजन में सभी धर्मों के अनुयायी एक साथ शामिल हुए। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम शिमला के पंथाघाटी में स्थित बौद्ध विहार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम भारत-तिब्बत मैत्री संघ व शिमला तथा किन्नौर, लाहुल-स्पीति बौद्ध सेवा संघ द्वारा करवाया गया। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष पूजा-अर्चना की व भगवान बुद्ध के उपदेशों का स्मरण किया।
महात्मा बुद्ध की 2567 वीं जयंती धूमधाम से मनाई
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे लाहुल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर (Lahaul-Spiti MLA Ravi Thakur) ने बताया कि आज के दिन महात्मा बुद्ध को जन्म, ज्ञान व निर्वाण प्राप्त हुआ था। तिब्बत से तिब्बतीयन होकर आए तब से निर्वासित हैं और भारत में अलग-थलग है। इनको भी भारत में सम्मान मिलना चाहिए। यदि नेपाल व बांग्ला से आए लोगों को यहां शरण मिल सकती है तो तिब्बतियों (Tibetans) को क्यों नहीं? तिब्बतीयन शांति से रहते है और भारत के लिए इनका अहम योगदान रहा है।
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