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बुद्ध पूर्णिमा पर पूजा का शुभ मुहूर्त व महत्व, कैसे करें पूजा जानें
वैशाख महीने की पूर्णिमा को भगवान बुद्ध की जयंती मनाई जाती है। इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है और इस बारे में शास्त्रों में भी उल्लेख किया गया है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध के साथ-साथ भगवान विष्णु और चंद्र देव की भी पूजा की जाती है।
बता दें कि भगवान बुद्ध ने ही बौद्ध धर्म की स्थापना की और पूरी दुनिया को सत्य, शांति और मानवता की सेवा करने का संदेश दिया। भगवान बुद्ध ने दुनिया को पंचशील उपदेश दिए हैं, जिसमें झूठ ना बोलना, हिंसा ना करना, नशा ना करना, चोरी ना करना और व्यभिचार ना करना शामिल हैं।
ये है महत्व
कहा जाता है कि बुद्ध पूर्णिमा वाले दिन भगवान बुद्ध की पूजा करने से व्यक्ति का आत्मबल व मान-सम्मान बढ़ता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। जबकि, इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त
स्नान मुहूर्त – सुबह 04.12 – सुबह 04.55
सत्यनारायण पूजा मुहूर्त – सुबह 07:18 – सुबह 08:58
चंद्रोदय को अर्घ्य देने का समय – शाम 06.45
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त – 05 मई 2023, रात 11:56 – 06 मई 2023, प्रात: 12:39
कूर्म जयंती पूजा मुहूर्त – शाम 04.18 – शाम 0.59
ऐसे करें पूजा
बुद्ध पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान जरूर करें। इसके बाद सूर्य और पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं। इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा करें। इसके अलावा दान जरूर करें। कहा जाता है कि इस दिन दान करने से परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में खुशियां दस्तक देती हैं। इस दिन रात में चंद्र उदय के बाद चांदी के लोटे से चंद्र को दूध और जल में मिश्री-चावल मिलाकर अर्घ्य अर्पित करें। इस दौराना ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप 108 बार करें। मध्यरात्रि में देवी महालक्ष्मी को हल्दी की गांठ, इत्र, गुलाब के फूल चढ़ाएं। माता लक्ष्मी के सामने केसर का तिलक खुद के मस्तक पर लगाएं और देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।