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शिमला। हिमाचल में हुए उपचुनाव (Himachal By Election) के नतीजे चौंकाने वाले रहे। बीजेपी को करारी शिकस्त देते हुए कांग्रेस ने तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की। चुनाव परिणाम में मजे की बात यह रही कि 18 प्रत्याशियों में एक बीजेपी उम्मीदवार सहित 8 की जमानत जब्त हो गई। वहीं 15 हजार के करीब लोगों को उपचुनाव में मैदान में उतरे 18 प्रत्याशियों में शायद एक भी पसंद नहीं था। इसी के चलते इन लोगों ने नोटा इनमें से कोई नहीं का बटन दबाया। उपचुनाव में कुल 14852 लोगों ने नोटा का बटन दबा कर प्रयाशियों को सिरे से नकार दिया। इसमें मंडी संसदीय सीट में तो जीत-हार के अंतर से करीब दोगुना ज्यादा वोट नोटा (NOTA) को मिले। कांग्रेस और बीजेपी के अलावा तीसरे विकल्पों को नकारते हुए मंडी संसदीय क्षेत्र में रिकॉर्ड 12661 लोगों ने सभी राजनीति पार्टियों को नकार दिया। बता दें कि इस सीट पर जीत.हार का अंतर महज 7490 वोट का रहा।
कांग्रेस-बीजेपी के अलावा अन्य चार प्रत्याशियों (Candidates) को कुल 7772 मत ही पड़े हैं। लोक नीति पार्टी की अंबिका श्याम को 3617, आजाद प्रत्याशी मुंशी राम ठाकुर को 1262, अनिल कुमार को 1119, सुभाष मोहन स्नेही को 1772 वोट पड़े। सबसे अधिक नोटा नाचन में दबा है, जहां 1959 ने तो बल्ह में 1647, किन्नौर में 1006 ने नोटा दबाया है। भरमौर में 379, लाहुल स्पीति में 120, मनाली में 476, कुल्लू 993, बंजार में 513, आनी में 532, करसोग में 463, सुंदनगर में 885, सराज में 372, द्रंग में 572, जोग्रिंद्रनगर में 807, मंडी में 925, सरकाघाट में 565, रामपुर में 412, डाक मतपत्र में भी 35 नोटा को दबाया गया।
अर्की (Arki) विधानसभा क्षेत्र में भी नोटा तीसरे नंबर पर रहा। यहां 1626 लोगों ने इस बटन को दबाया। फतेहपुर (Fatehpur) में भी 389 और 176 ने नोटा को प्राथमिकता दी। बता दें कि महंगाई, बेरोजगारी के अलावा कई अन्य मुद्दे भी हावी रहे। सवर्ण आयोग के गठन, डिपो धारकों की मांगें और जेबीटी की बैचवाइज भर्ती की मांग को लेकर भी कई संगठनों ने मतदान से पहले ही विभिन्न मंचों पर नोटा दबाने का एलान किया था। वहीं, किन्नौर, रामपुर और चंबा के कुछ इलाकों में तो लोगों ने चुनाव का बहिष्कार भी किया था।
हिमाचल उपचुनाव में कुल 18 प्रत्याशियों में से आठ की जमानत जब्त हो गई। जुब्बल-कोटखाई में सत्तारूढ़ बीजेपी की नीलम सरैईक अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई। जमानत बचाने के लिए जरूरी कुल मतदान में से 1/6 मत भी नीलम हासिल नहीं कर पाई। उन्हें 2644 वोट ही मिले। वहीं, निर्दलीय सुमन कदम को भी 170 वोट ही मिले। अर्की में निर्दलीय जीत राम को नोटा से कम वोट मिले और वह 547 वोट ही हासिल कर सके। फतेहपुर में हिमाचल जन क्रांति पार्टी के पंकज कुमार दर्शी को 375 तो निर्दलीय डॉ. अशोक कुमार सोमल को सिर्फ 295 वोट मिले। मंडी में राष्ट्रीय लोक नीति पार्टी की अंबिका श्याम को 3617, हिमाचल क्रांति पार्टी के मुंशीराम ठाकुर को 1262, निर्दलीय अनिल कुमार 1119 और सुभाष मोहन स्नेही को 1772 वोट मिले।
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