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39 वर्षों में तीसरी बार कैलाश मानसरोवर यात्रा नहीं होगी! श्रद्धालुओं ने वापस लिए आवेदन
पिथौरागढ़। कोरोना संकट के चलते इस साल विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) का आयोजन नहीं किया जाएगा। दरअसल इस साल यात्रा के लिए जिन गिने-चुने श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए आवेदन किया था, उन सभी ने अपने आवेदन वापस ले लिए हैं। हालांकि इससे पहले ही मानसरोवर यात्रा के आयोजन को लेकर जो आशंका जताई जा रही थी, वह अब सच साबित हो गई हैं। बता दें कि कैलाश-मानसरोवर तिब्बत में पड़ता है, जो चीन के कब्ज़े में है। लिपुलेख दर्रे से पिछले 39 वर्षों में तीसरी बार यात्रा बाधित हो रही है।
इससे पहले वर्ष 1998 में मालपा हादसे के चलते 12 वें दल के यात्रियों समेत दो सौ से अधिक लोग की मौत के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी। वहीं वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के चलते पहले दल के बाद यात्रा को रोकना पड़ा। कुमाऊं के लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा 1981 में शुरू हुई। प्रतिवर्ष जून में कैलाश यात्रा और भारत-चीन व्यापार साथ-साथ शुरू होते हैं। इस बार यह यात्रा ना होने से कुमाऊं मंडल विकास निगम को 5 करोड़ रूपए से अधिक का नुक़सान होने की आशंका है। केएमवीएन को हर यात्री से 35 हज़ार से अधिक की कमाई होती थी। बीते सालों तक 18 यात्री दल लिपुलेख दर्रे से चीन में प्रवेश करते थे। अमूमन एक यात्री दल में 55 के करीब तीर्थ यात्री शामिल होते थे।