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कैलाश मानसरोवर यात्रा होगी आसान: रक्षा मंत्री ने किया 80 Km लंबे धारचूला-लिपूलेख मार्ग का उद्घाटन
देहरादून। कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) श्रद्धालुओं के लिए पहले के मुकाबले काफी सुगम होने जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को कैलाश मानसरोवर के लिए लिंक रोड का उद्घाटन किया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने उत्तराखंड में धारचूला-लिपूलेख मार्ग का निर्माण किया है, जिससे यात्रा में समय भी कम लगेगा, क्योंकि लोगों को कठिन रास्ते पर सफर नहीं करना पड़ेगा। रक्षा मंत्री ने पिथौरागढ़ से गुंजी तक वाहनों के काफिले को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने भी उपस्थित थे।
Delighted to inaugurate the Link Road to Mansarovar Yatra today. The BRO achieved road connectivity from Dharchula to Lipulekh (China Border) known as Kailash-Mansarovar Yatra Route. Also flagged off a convoy of vehicles from Pithoragarh to Gunji through video conferencing. pic.twitter.com/S8yNeansJW
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 8, 2020
उत्तराखंड के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर बीआरओ ने लिपुलेख दर्रे से पांच किलोमीटर पहले तक सड़क तैयार कर ली है। यह सड़क सामरिक लिहाज से भी अहम है। इससे सुरक्षा बलों को भी राहत मिलेगी और कनेक्टिविटी आसान होगी। यह विस्तार 6000 से 17060 फीट की ऊंचाई पर है। नई सड़क पिथौरागढ़-तवाघाट-घटीअबागढ़ मार्ग का विस्तार है। इस संबंध में देश के रक्षामंत्री ने ट्वीट किया, मानसरोवर यात्रा के लिए लिंक रोड का आज उद्घाटन करने की खुशी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने धारचूला से लिपुलेख (चीन सीमा) तक सड़क संपर्क हासिल किया। इस बीच रक्षा मंत्रालय ने भी बीआरओ (BRO) की सराहना करते हुए कहा है कि उत्तराखंड में सीमा सड़क संगठ ने कैलाश मानसरोवर मार्ग को लिपुलेख दर्रे से जोड़ा है, जो सीमावर्ती गांवों और सुरक्षा बलों को संपर्क प्रदान करेगा। बीआरओ कैलाश मानसरोवर मार्ग को चीन सीमा से जोड़ता है।