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किराया बढ़ोतरी के बाद अब निजी बस ऑपरेटरों ने Tax में मांगी अतिरिक्त छूट
कांगड़ा/कुल्लू। बस किराया बढ़ोतरी के बाद अब निजी बस ऑपरेटरों (Private Bus Operators) ने टैक्स में अतिरिक्त छूट की मांग की है। हालांकि, सरकार ने 31 जुलाई तक बसों पर लगने वाले टैक्स (Tax) में छूट प्रदान की गई है, लेकिन बस ऑपरेटर 31 जुलाई के बाद भी टैक्सों में अतिरिक्त छूट चाहते हैं। वहीं, आर्थिक सहायता राशि दो लाख प्रति बस से बढ़ाकर तीन लाख प्रति बस करने की भी मांग उठाई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में विशेषकर सोलन जिला में हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा निजी बसों से 5-10 मिनट के अंतराल में बसों का संचालन किया जा रहा है, जिसका निजी बस ऑपरेटरों ने विरोध जताया है और एचआरटीसी (HRTC) की बसों को समय सारणी अनुसार निर्धारित अंतराल में चलाने को आवाज बुलंद की है।
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किराया बढ़ोतरी पर सीएम और परिवहन मंत्री का जताया आभार
बता दें कि हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ से असंतुष्ट चल रहे गुट ने कुल्लू (Kullu) जिला से संबंध रखने वाले निजी बस ऑपरेटर भूपेश नंदन की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की, जिसमें बसों के रूट पर संचालन को लेकर आ रही समस्याओं समेत परिवहन व्यवसाय से जुड़े अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में रामपुर जिला से प्रधान मनीष शर्मा, कांगड़ा (Kangra) जिला से प्रधान हैप्पी अवस्थी, शिमला (Shimla) जिला से प्रधान जय गोपाल राजटा, कुल्लू जिला से उपप्रधान राजिंदर शर्मा, कुल्लू जिला से महासचिव विनय गोयल, हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रवीण दत्त शर्मा, कांगड़ा जिला से अनुज बलौरिया, शिव राम, सोलन जिला से रोहित शर्मा, मंडी (Mandi) जिला से अध्यक्ष गुलशन दीवान आदि ने भाग लेकर अपने विचार सांझा किए। कुल्लू जिला से संबंध रखने वाले निजी बस ऑपरेटर भूपेश नंदन ने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur), परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर, प्रधान सचिव (परिवहन) केके पंत, निदेशक परिवहन कैप्टन जेएम पठानिया का किराया बढ़ोतरी के संदर्भ में व परिवहन विभाग को पूरी तरह ऑनलाइन करने लिए आभार व्यक्त किया है। सरकार से आग्रह किया कि आगामी कैबिनेट (Cabinet) की बैठक में बसों के टैक्स में छूट की अवधि बढ़ाई जाए।
टैक्स में छूट ना मिली तो सभी बसें चलाने को होंगे मजबूर
भूपेश नंदन का कहना है कि सरकार के आदेश पर प्रदेश के अधिकतर निजी बस ऑपरेटरों ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की भांति एक जून से जनहित में बसों का संचालन प्रदेश के विभिन्न जिलों में आरंभ कर दिया था और घाटे में आज भी सरकार के सहयोग हेतु सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जबकि वर्तमान समय में सवारियों की आवाजाही अत्यंत कम है। एचआरटीसी की तरह ही अपनी सभी बसों को रूट पर उतारने में सक्षम नहीं हैं और पिछले दो तीन दिन से प्रदेश के अंदर कोरोना (Corona) के मामलों में अत्यधिक वृद्धि हुई है। यदि सरकार 31 जुलाई के बाद टैक्स में अतिरिक्त छूट प्रदान नहीं करती है तो उस स्थिति में निजी बस ऑपरेटरों को अपनी खड़ी बसों का मजबूरी में संचालन रूट पर आरंभ करना पड़ेगा, जिसका सीधा असर हिमाचल पथ परिवहन निगम पर भी पड़ेगा, जो आज इस कोरोना काल में घाटा खाकर सेवाएं प्रदान कर रही है और इस किराया बढ़ोतरी का कोई औचित्य नहीं रहेगा।
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बसों की इंश्योरेंस, टायर, मैकेनिकल रिपेयर की व्यवस्था हुई मुश्किल
इसके साथ ही सरकार द्वारा निजी बस ऑपरेटरों के व्यवसाय के उत्थान हेतु परिवहन विभाग के माध्यम से आर्थिक मदद सुनिश्चित करने का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल की बैठक में रखा गया था, जिस पर दो लाख प्रति बस सहायता राशि की घोषणा हुई थी, परन्तु निजी बस ऑपरेटरों ने यह राशि दो लाख से बढ़ाकर तीन लाख प्रति बस मुहैया करवाने की मांग सरकार के समक्ष रखी थी। आज दिन तक यह सहायता राशि उपलब्ध नहीं हो पाई है, जिसकी दरकार आज प्रदेश के प्रत्येक निजी बस ऑपरेटर को है, क्योंकि निजी बस ऑपरेटर कोरोना के मुश्किल समय में सरकार के सहयोग हेतु घाटे में सेवाएं प्रदान कर रहा है, जबकि वह स्वयं आर्थिक तंगी के हालात से गुज़र रहा है। आज बसों की इंश्योरेंस (Insurance), टायर, मैकेनिकल रिपेयर, स्पेयर पार्ट इत्यादि की व्यवस्था करना अत्यंत मुश्किल हो गया है।