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देश में पहली बार बिकेगा गधी का दूध, तीन बड़ी बीमारियों से लड़ने की क्षमता ; 7,000 होगी कीमत
हिसार। दूध तो आप सभी पीते होंगे। आपने तरह-तरह का दूध पीया और सुना होगा जैसे गाय, भैंस, बकरी या ऊंट का दूध। आपने शायद गधी का दूध (Donkey milk) ना पीया होगा ना ही इसके बारे में ज्यादा सुना होगा। देश में पहली बार अब गधी के दूध की भी डेयरी खुलने वाली है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गधी का दूध शरीर का इम्यून सिस्टम ठीक करने में भी काफी अहम भूमिका निभाता है। देश में पहली बार राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (NRCE) हिसार में हलारी नस्ल की गधी के दूध की डेयरी शुरू होने जा रही है। इसके लिए एनआरसीई ने 10 हलारी नस्ल की गधियों को पहले ही मंगवा लिया था, जिनकी मौजूदा समय में ब्रीडिंग की जा रही है।
इस प्रोजेक्ट पर काम रहीं एनआरसीई की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अनुराधा भारद्वाज बताती हैं कि कई बार गाय या भैंस के दूध से छोटे बच्चों को एलर्जी हो जाती है मगर हलारी नस्ल की गधी के दूध से कभी एलर्जी (Allergy) नहीं होती। इसके दूध में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजीन तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में कई गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित करते हैं। गधी के दूध पर शोध का काम एनआरसीई के पूर्व डॉयरेक्टर डॉक्टर बीएन त्रिपाठी ने काम शुरू कराया था। एनआरसीई के निदेशक डॉक्टर यशपाल ने बताया कि इस दूध में नाममात्र का फैट होता है। ब्रीडिंग के बाद ही डेयरी का काम जल्द शुरु कर दिया जाएगा।
कैंसर, मोटापा, एलर्जी जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता
गुजरात (Gujarat) की हलारी नस्ल की गधी का दूध औषधियों का खजाना माना जाता है। यह बाजार में 2,000 से लेकर 7,000 रुपए लीटर तक में बिकता है। इससे कैंसर, मोटापा, एलर्जी जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। इससे ब्यूटी प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं, जो काफी महंगे होते हैं। डेयरी शुरू करने के लिए एनआरसीई हिसार के केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र व करनाल के नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्ट्रीट्यूट के विज्ञानियों की मदद भी ली जा रही है। डेयरी से पहले डा. अनुराधा ने ही गधी के दूध से ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने का काम किया था। उनकी ईजाद तकनीक को कुछ समय पहले ही केरल की कंपनी ने खरीदा है और ब्यूटी प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं। गधी के दूध से साबुन, लिप बाम, बॉडी लोशन तैयार किए जा रहे हैं।