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चमोली तबाही के बाद Himachal में भी अलर्ट, 600 प्रोजेक्ट को फॉरेस्ट क्लीयरेंस की उम्मीद
शिमला। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के कारण हुई तबाही के बाद हिमाचल सरकार भी अलर्ट (Alert) हो गई है। सरकार ने हिमाचल में ग्लेशियरों को लेकर अध्ययन करने का निर्णय लिया है। इस बात का खुलासा मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी ग्लेशियरों का खतरा बना रहता है। यहां पर भी बिजली परियोजनाओं के लिए कई बांध बने हैं। इनको लेकर अध्ययन किया जाएगा। साथ ही आने वाले समय में विद्युत परियोजना लगाने से पहले ग्लेशियर (Glaciers) को लेकर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड (Uttarakhand) के साथ खड़ा है।
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वहीं, हिमाचल में विकासात्मक परियोजनाओं को फॉरेस्ट क्लीयरेंस में देरी को लेकर उन्होंने कहा कि हिमाचल में फॉरेस्ट क्लीयरेंस (Forest Clearance) को लेकर किसी व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके बाद हिमाचल (Himachal) में फॉरेस्ट क्लीयरेंस सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ही मिलती है। आज भी मामला सुप्रीम कोर्ट में लगा है। सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रही है कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर सुप्रीम कोर्ट आने की जरूरत ना पड़े। बल्कि अन्य प्रदेशों की तरह फॉरेस्ट क्लीयरेंस रिजनल कार्यालयों में हो जाए। उन्हें उम्मीद है कि आज हिमाचल को इस मामले में राहत मिलेगी।
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सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के चलते हिमाचल में 600 विकासात्मक परियोजनाएं अटकी पड़ी हैं। इस बारे उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से भी बात की है। पीएम ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मामले के बारे बात की है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आज चंबा, ऊना और सिरमौर जिलों की विधायक प्राथमिकता बैठकें थीं। विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं और प्राथमिकताओं को रखा है। सरकार विधायकों की प्राथमिकताओं को पूरा करने की कोशिश करेगी।