-
Advertisement

Kangra के शिक्षक पति और पत्नी के खिलाफ होगी विभागीय कार्रवाई- जाने पूरा मामला
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (High Court) ने शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश के भविष्य की उम्मीदें और आकांक्षा शिक्षा पर निर्भर करती हैं, इसलिए यह अनिवार्य है कि शिक्षण संस्थानों के उचित और अनुशासित कामकाज, विशेष रूप से शिक्षकों (Teachers) की पहचान होनी चाहिए। यदि शिक्षकों द्वारा कानूनों और सिद्धांतों को स्वयं ही मिटा दिया जाता है, तो यह ना केवल संस्था के कामकाज को प्रदूषित करता है, इसके मानक को बिगड़ता है, बल्कि अपने स्वयं के छात्रों द्वारा गलत चैनल को अपनाया जाता है। यदि ऐसा है, तो ऐसे शिक्षण संस्थान अच्छे नागरिक कैसे पैदा कर सकते हैं? कांगड़ा (Kangra) स्थित राजकीय उच्च विद्यालय जोल की शिक्षिका अर्चना राना और उसके पति शिक्षक यशबीर सिंह गुलेरिया द्वारा बिना किसी अनुमति के सरकारी रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ करने के लिए हाईकोर्ट ने निदेशक शिक्षा को आदेश दिए हैं कि उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाए। साथ ही हाईकोर्ट को गुमराह करने के लिए हाईकोर्ट ने अर्चना राना द्वारा दायर की गई याचिका को पचास हजार रुपये की कॉस्ट के साथ खारिज कर दिया।
यह भी पढ़ें: High Court: अदालती आदेशों की अवमानना पर मंडी निवासी को 6 माह की कैद
दोनों की गोपनीय रिपोर्ट में दर्ज हों कोर्ट टिप्पणियां
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश चंद्रभूषण बरोवालिया की खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि याचिकाकर्ता की तरह बेईमान वादियों द्वारा न्यायिक प्रणाली का दुरुपयोग किया गया है और इस मामले में न्यायिक प्रणाली को लगभग अपने घुटनों पर लाया गया है। खंडपीठ ने कहा कि यह याद रखना होगा कि न्यायालय की कार्यवाही पवित्र है और उसे बेईमान वादियों द्वारा प्रदूषित नहीं किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने अपने पति के साथ कोर्ट (Court) की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है और इन टिप्पणियों को याचिकाकर्ता और उसके पति की गोपनीय रिपोर्ट (Confidential Report) में दर्ज किए जाने के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला
मामले के अनुसार प्रार्थी को जेबीटी (JBT) पद से टीजीटी (TGT) पद पर पदोन्नति के बाद हाई स्कूल द्रमण में तैनात किया गया था। उसके बाद प्रार्थी ने 11 दिसंबर 2020 को अपने पोस्टिंग हाई स्कूल जोल में करवा ली, जहां उसका पति भी कार्यरत था। 14 दिसंबर 2020 को प्रार्थी हाई स्कूल द्रमण से रिलीव किया गया और उसी दिन उसने हाई स्कूल जोल (High School Jol) में उपस्थिति दर्ज करवा ली, उस दिन स्कूल के प्रधानाचार्य सरकारी काम से उप निदेशक के कार्यालय में उपस्थित थे और प्रार्थी और उसके पति ने बिना किसी की अनुमति के प्रधानाचार्य के कार्यालय में घुसकर टेबल के लॉकर से शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी। 15 दिसंबर 2020 को हाई स्कूल जोल के लिए किसी और शिक्षक के स्थानांतरण आदेश पारित किए गए और उसने भी 18 दिसंबर 2020 को हाई स्कूल जोल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा ली। प्रार्थी ने अदालत से गुहार लगाईं थी कि उसके तबादला आदेशों की अनुपालना करने बारे आदेश पारित किए जाएं, चूंकि उसने हाई स्कूल जोल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा ली है। अदालत ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात प्रार्थी और उसके पति की कार्य प्रणाली पर तलख टिप्पणी करते हुए उक्त निर्णय सुनाया।