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सरकारी आदेशों को ठेंगा, शत-प्रतिशत दिव्यांग कोरोना कर्फ्यू में भी देती रही ड्यूटी
दयाराम कश्यप/सोलन। हिमाचल सरकार ने कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) के दौरान दिव्यांगों व गर्भवती महिलाओं को कार्य पर ना बुलाने के आदेश दिए हैं, उन्हें वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) रखा गया है। वहीं, हिमाचल से सोलन जिले में शत प्रतिशत दिव्यांग महिला (Handicapped woman) को कोरोना कर्फ्यू में भी ड्यूटी पर बुलाकर आदेशों की अवहेलना की गई है। सोलन जिले के नौणी के गांव अणु की शत-प्रतिशत दिव्यांग (100 Percent Handicapped) महिला उमा कुमारी कोरोना काल में भी सोलन अस्पताल में अपनी सेवाएं निरंतर देती रही। इस बीच कोरोना कर्फ्यू में बस सेवा बंद होने से उसे अस्पताल में ड्यूटी देने के लिए आने-जाने में कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। बावजूद इसके वह अपनी सेवाएं देती रही और आज भी दे रही हैं। वहीं इस बारे में उमा कुमारी ने बताया कि वह कोविड काल (Covid) में अपनी सेवाएं अस्पताल में देती रही। हालांकि उन्हें आने जाने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्हें अस्पताल (Hospital) में बुलाया जाता रहा है।
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उमा कुमारी ने बताया कि गत वर्ष कोरोना काल में उन्हें अपने वेतन के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों से कई मिन्नतें करनी पड़ी थी। इसी कारण वह इस वर्ष कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी अपनी सेवाएं लगातार देती रही। स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) के गृह जिला में स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारियों की कारगुजारी का नमूना सामने आने के बाद जहां अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं इस बात से पल्ला भी झाड़ा जा रहा है। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिक्षक डॉ. एसएल वर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो पहले तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से ही इनकार कर दिया, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि उमा कुमारी की ड्यूटी कोरोना वार्ड (Corona Ward) में नहीं लगाई जाती थी, उन्हें केवल जर्नल ड्यूटी (Duty)करने को दी जाती थी। हालांकि इसका खुलासा तो केवल जांच के बाद ही हो सकेगा, लेकिन सवाल यह है कि क्या इस मामले की जांच होगी भी या नहीं।
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