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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 : ये पांच आसान योगासन रखेंगे आपको हेल्दी और फ्रेश
योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जिसका प्रसार अब विदेशों तक हो रहा है। विदेशों तक योग के प्रसार का श्रेय योग गुरुओं को जाता है। भारतीय योग गुरुओं ने विदेशी जमीन पर योग की उपयोगिता और महत्व के बारे में जागरूक किया। आज दुनियाभर में योग को लोग अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं और योगासनों के अभ्यास से स्वस्थ मन और तन की प्राप्ति का प्रयास कर रहे हैं। आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है तो हम आपके लिए लाए हैं कुछ खास। हम आपको कुछ आसान से योग आसनों के बारे में बताने वाले हैं जो बच्चे-बड़े या बुजुर्ग कोई भी आसानी से कर सकता है। ये ऐसे आसन हैं जो आसान तो हैं ही साथ ही सेहत के लिए भी काफी लाभकारी है। इन आसनों को करने में आपको समय भी कम मिलेगा और फायदा भी ज्यादा होगा। तो चलिए आपको बताते हैं इन पांच आसन (Yoga Poses) के बारे में –
ताड़ासन – ताड़ासन एक आसान योगासन है। यह एक बेसिक योगासन है, जिससे कई योगासनों की शुरुआत भी होती है। ताड़ासन के फायदों में शरीर का पोस्चर ठीक होना, जांघ, घुटने व टांग मजबूत होना, रीढ़ की हड्डी में लचीलापन, शारीरिक व मानसिक संतुलन, पेट की मजबूत मांसपेशी आदि शामिल हैं।
शव आसन – ये सबसे आसान योगासन की लिस्ट में पहले पायदान पर आता है। यह योगासन इतना आसान है कि दूसरे कठिन योगासनों की थकावट उतारने के लिए भी इसका अभ्यास किया जा सकता है। इससे आपकी शारीरिक व मानसिक थकान में कमी, तनाव व चिंता से राहत, हाई ब्लड प्रेशर से राहत, गहरी नींद आदि फायदे प्राप्त होते हैं।
अधोमुख श्वानासन – सिंपल योगासन की लिस्ट में अधोमुख श्वानासन भी शामिल है। इसमें आपके शरीर का आकार एक सिर झुकाए कुत्ते की तरह होता है। इसलिए अंग्रेजी में इसका नाम Downward Faccing Dog रखा गया है। अधोमुख श्वानासन के फायदों में शारीरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी, मजबूत रीढ़ की हड्डी, शक्तिशाली हाथ-पैर-कंधे, बेहतर रक्त प्रवाह, सिरदर्द व थकान में कमी आदि शामिल हैं।
बद्ध कोणासन योग – इसको बटरफ्लाई पोज भी कहा जाता है क्योंकि इसमें आपके शरीर का आकार एक तितली की तरह नजर आता है। यह योगासन महिलाओं के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। इससे स्वस्थ किडनी, बेहतर पाचन तंत्र, बेहतर रक्त प्रवाह, मानसिक व शारीरिक शांति, रजोनिवृत्ति के लक्षणों में कमी आदि फायदे प्राप्त होते हैं।
मलासन – ये भी एक आसान योगासन है, जो कई फायदे प्रदान करता है। भारतीय संस्कृति में मलासन हमारे व्यवहार में शामिल है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर लोग इसी तरह बिना किसी सपोर्ट के जमीन पर बैठ जाते हैं। मलासन का अभ्यास करने से पेट की चर्बी घटना, घुटनों व कूल्हों में लचीलापन, निचली कमर में लचीलापन आदि आता है। इस योगासन से कब्ज व गैस की समस्या में भी राहत मिलती है। इसे करने के लिए कमर सीधी करके भारतीय तरीके से मल त्याग करने की स्थिति में बैठ जाएं और फिर दोनों काख से दोनों घुटनों को ढककर हाथों को जोड़ लें।