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अब वैष्णो देवी में बंद हो जाएगा यात्रा पर्ची सिस्टम, जल्द नई सर्विस होगी शुरू
जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री माता वैष्णो देवी (Shri Mata Vaishno Devi) की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर है। अब 60 साल से चला रहा यात्रा पर्ची सिस्टम बंद हो जाएगा। यानी अब यात्रियों को यात्रा पर्ची नहीं मिलेगी। दरअसल, श्राइन बोर्ड यात्रा पर्ची की जगह नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है।
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बता दें कि इसी साल 1 जनवरी को भवन में हुए हादसे के बाद श्राइन बोर्ड (Shrine Board) की तरफ से यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई तरह के अहम कदम उठाए जा रहे हैं। श्राइन बोर्ड अब पर्ची की जगह नई तकनीक युक्त रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) जारी करने जा रहा है। इस नई सर्विस को अगस्त से जरूरी कर दिया जाएगा यानी अब किसी भी यात्री को पर्ची लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जानकारी के अनुसार, ये आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है। इसे कार्ड को सर्वर के साथ कनेक्ट किया जाएगा। इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस कार्ड में यात्री की फोटो और पूरी जानकारी दी गई होगी। यात्रा शुरू करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण काउंटर से यात्री को आरएफआईडी कार्ड मिलेगा, जो कि यात्रा पूरी करने बाद काउंटर पर वापस देना होगा। वहीं, जो लोग ऑनलाइन पंजीकरण करते हैं उन्हें कटरा पहुंचने पर फोन पर कार्ड लेने का मैसेज आएगा।
जानें कार्ड की कीमत
बता दें कि ऐसे तो आरएफआईडी की कीमत 10 रुपए है, लेकिन श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रियों को ये कार्ड निशुल्क दिया जाएगा। इस कार्ड को मेट्रो टोकन की तरह कई बार इस्तेमाल किया जा सकेगा। श्राइन बोर्ड ने इस कार्ड का टेंडर पुणे की एक कंपनी को दिया है।
60 साल पहले शुरू हुई थी यात्रा पर्ची
श्रद्धालुओं के लिए सबसे पहले साल 1962 में सूचना विभाग ने यात्रा पर्ची का सिस्टम शुरू किया था। इसके बाद साल 1970 में पर्यटन विभाग ने यात्रा पर्ची की जिम्मेदारी संभाली। फिर साल 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन किया गया और फिर यात्रा पर्ची की जिम्मेदारी श्राइन बोर्ड को सौंप दी गई।