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बेटे को पढ़ाते-पढ़ाते मां भी हुई प्रेरित, दोनों एक साथ पास की लोक सेवा आयोग की परीक्षा
Last Updated on August 11, 2022 by sintu kumar
इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि मां और बेटा एक साथ ही लोक सेवा आयोग की परीक्षा (public service commission exam) दें और दोनों ही पास हो जाएं। इसे इत्तेफाक कह लो या फिर संयोग पर सफलता दोनों को मिल गई। मां की उम्र 42 वर्ष है और बेटे की उम्र 24 वर्ष है। अब दोनों ही सरकारी नौकरी (Government Job) करेंगे। ये दोनों केरल के मलप्पुरम के रहने वाले हैं। मां का कहना है कि बेटे को किताबें पढ़ाते-पढ़ाते बुक्स को और भी ज्यादा पढ़ने में दिलचस्पी बढ़ी। इसका नतीजा यह हुआ कि पीसीएस परीक्षा पास करने की मन में ठान ली।
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बेटे ने एलडीसी की परीक्षा उत्तीर्ण की है
इस बारे में 42 साल बिंदु (Bindu) नामक इस महिला ने कहा कि ऐसा करिश्मा हो गया कि अब मां और बेटा दोनों ही सरकारी नौकरी करेंगे। मां ने एलीजीसी की परीक्षा उत्तीर्ण की है तो बेटे ने एलडीसी की परीक्षा उत्तीर्ण की है। बिंदू ने बताया कि उसका बेटा विवेक (Vivek) जब दसवीं कक्षा का छात्र था तब मैं उसको पढ़ाया करती थी। पढ़ाते-पढ़ाते जिज्ञासा बढ़ने लगी और में और भी किताबें लगातार पढ़ती ही गईं। यही कारण रहा कि आज दोनों ने एक साथ परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। बिंदु पिछले दस वर्षों से एक आंगनबाड़ी शिक्षिका के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है।
मां का आया 92वां रैंक
बिंदु ने बताया कि उसने लास्ट ग्रेड एलजीसी की परीक्षा पास कर ली है। इस परीक्षा में उसका 92वां रैंक आया है। उसके बेटे ने अवर श्रेणी लिपिक (LDC) की परीक्षा पास कर ली है। उसका 38वां रैंक आया है। उन्होंने कहा कि बेटे को पढ़ाते-पढ़ाते ही उसे यह प्रेरणा मिली और वह सफल रही। उसने कहा कि उसने एक कोचिंग सेंटर में दाखिला भी लिया और बेटे की स्नातक की परीक्षा होने के बाद उसे भी वहां दाखिला दिलवाया गया।
मां ड्यूटी के बाद ही करती थीं पढ़ाई
बिंदु ने कहा कि उसने एलजीएस के लिए दो बार और एलडीसी के लिए एक बार प्रयास किया। मगर चौथी बार प्रयास करने से उसे सफलता मिल ही गई। मैंने ठान लिया था कि जब तक मंजिल नहीं मिलेगी तब तक हार नहीं मानूंगी। चूंकि वह पिछले दस सालों से आंगनबाड़ी शिक्षिका (Anganwadi teacher) के रूप में सेवाएं दे रही थीं मगर एक नया मकसद उसके सामने था। इस परीक्षा को पास करने के लिए उसे कोचिंग सेंटर, दोस्तों और उसके बेटे से उसे प्रोत्साहन मिला। वहीं बेटे ने कहा कि मुझे अकेले पढ़ाई करना अच्छा लगता है मगर मां हमेशा स्टडी नहीं करती थी। ड्यूटी से आने के बाद ही पढ़ाई करती थी।
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