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प्लेन की लाइट्स को क्यों किया जाता है डिम, यहां जानें कारण
Last Updated on August 17, 2022 by sintu kumar
कहीं दूर जाना हो तो लोग ट्रेन की जगह प्लेन से सफर करना ज्यादा बेहतर समझते हैं। प्लेन में सफर करने से सफर जल्दी खत्म होता है, लेकिन क्या आपने एक बात नोटिस की है कि प्लेन (Aeroplane) में सफर करने के बाद अक्सर लोगों का सिर भारी होने लगता है। इसके अलावा वे अलग तरह की थकावट महसूस करने लगते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि ऐसा क्यों होता है।
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बता दें कि हर एक प्लेन में क्रू मेंबर्स के लिए एक खुफिया कंपार्टमेंट बनाया जाता है। इस कंपार्टमेंट में प्लेन में सफर कर रहे यात्रियों को घुटन महसूस हो सकती है, लेकिन पायलट को थकान होने के कारण इसमें आराम महसूस होता है। इस कंपार्टमेंट में पायलट व क्रू मेंबर्स आराम करते हैं।
कुछ यात्रियों को हाइपोक्सिया होता है। हाइपोक्सिया तब होता है जब ऊपर 5 से 8 हजार फीट से ज्यादा प्रेशर मेंटेन नहीं किया जाता है। ऐसे में शरीर और दिमाग में 25 फीसदी कम ऑक्सीजन पहुंचती है। ऐसे में आंखों के आगे अंधेरा छाना, चक्कर आना, सिर दर्द और सोच-समझ में फर्क पड़ना शुरू हो जाएगा।
लाइट्स की जाती है बंद
अक्सर आपने देखा होगा कि प्लेन लैंडिंग के दौरान प्लेन की लाइट्स डिम कर दी जाती हैं। इसके पीछे का कारण ये बताया जाता है कि अगर कभी प्लेन लैंडिंग के दौरान कोई हादसा हो जाए, तो यात्रियों के अचानक दिखना बंद हो सकता है, जिससे उन्हें आपातकालीन दरवाजे भी ढूंढने में दिक्कत आ सकती है। यही कारण है कि लैंडिंग के वक्त प्लेन की लाइट्स को डिम (Dim) किया जाता है ताकि एकदम से फ्लाइट में अंधेरा ना छा जाए।