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मंडी सदर में बीजेपी की चुनौतियां हैं कुछ अलग-आप समझे इसे एक क्लिक पर
हिमाचल प्रदेश की मंडी सदर विधानसभा सीट से भले ही बीजेपी के विधायक हैं, लेकिन इस बार भगवां पार्टी की ओर से कई उम्मीदवारों ने दावेदारी कर रखी है। इस सीट पंडित सुखराम परिवार ने 13 बार जीत हासिल की है। अब तक इस सीट पर दिवंगत पंडित सुखराम (late Pandit Sukhram) के परिवार का राज रहा है, वर्तमान में भी उनके पुत्र अनिल शर्मा बीजेपी टिकट पर यहां से विधायक हैं। बावजूद इसके इस बार इस सीट से कई दावेदार हैं जो बीजेपी से टिकट की मांग कर रहे हैं, इसे लेकर पार्टी आलाकमान दुविधा में है।
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मंडी सदर विधानसभा सीट पर पंडित सुखराम का लंबे समय तक कब्जा रहा है, उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस व हिविकां की टिकट पर चुनाव लड़े व सभी में जीत दर्ज की। अब इस सीट पर उनके बेटे अनिल शर्मा विधायक हैं, उन्हें 2017 में बीजेपी के टिकट (BJP Ticket) पर जीत मिली थी। मंडी सदर विधानसभा सीट (Mandi Sadar Assembly Seat) पर भले ही बीजेपी का कब्जा है, लेकिन पार्टी के लिए यहां उम्मीदवार का चुनाव करना आसान नहीं है। वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव से पहले ही कई दावेदारों ने पार्टी प्रदेश नेतृत्व को परेशानी में डाल दिया है। टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक दुर्गादत्त, भुनेश ठाकुर, दीपक गुलेरिया, सुमन ठाकुर, मनीष कपूर, नरेंद्र गुलेरिया, हेमराज पठानिया के नाम शामिल हैं।
कांग्रेस की ओर से अब तक पंडित सुखराम परिवार (Pandit Sukhram family) ही इस सीट पर दावेदारी करता आया, लेकिन पिछले चुनाव में स्थितियां बदल गई। अनिल शर्मा (Anil Sharma) बीजेपी में शामिल हुए और टिकट भी मिल गया, अब कांग्रेस के सामने मुसीबत ऐसे उम्मीदवार का चुनाव करने की है जो मजबूत स्थिति में हो और बीजेपी का मुकाबला कर पाए। ऐसे में कांग्रेस की ओर से ठाकुर कौल सिंह की बेटी चंपा ठाकुर टिकट की दावेदारी कर रही हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस टिकट (Congress Ticket) पर यहां से चुनाव लड़ा था। लेकिन बीजेपी के अनिल शर्मा से वह चुनाव हार गईं।
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