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पौंड्रक खुद को कहता था कृष्ण, लगवाई थी दो नकली भुजाएं
भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के पिता का नाम वासुदेव था। इसी तरह पौंड्रक के पिता का नाम भी वासुदेव (Vasudev) था। द्वापर युग में पौंड्र पुंड्र देश का राजा था। वह स्वयं को कृष्ण बताता था। उसने दो नकली हाथ लगवाकर अपनी चार भुजाएं करवा ली थीं। वहीं उसने नकली अस्त्र-शस्त्र व वस्त्र धारण किए हुए थे। इसी के साथ उसने नकली गरुड़ वाहन और चक्र भी तैयार कर लिया था। भगवान कृष्ण ने पौंड्र को उसके साथियों और सेना सहित मार दिया था। वह करूषदेश (मीरजापुर) का राजा था। कौशिकी नदी के तट पर किरात, वंग एवं पुंड्र देशों पर उसका स्वामित्व था, पौंड्रक मूर्ख एवं अविचारी था, जो अनीतियों पर चलता था।
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पौंड्रक कहता था कि मैं ही कृष्ण हूं। इसलिए ही उसने काठ के 2 हाथ (Two Hands) जुड़वाकर अपनी कुल 4 भुजाएं कर ली थीं। इतना ही नहीं उसे स्वयं को कृष्ण बताने की इतनी ललक थी कि उसने नकली चक्र, मोर मुकुट, शंख, तलवार, कौस्तुभ मणि तक बना लिए थे। बात यहीं नहीं थमी थी वह अपने मंत्रियों और सलाहकार आदि भी उसके कान भरते रहते थे। वे कहते कि आप तो स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं। आपके आगे कृष्ण क्या है। वह तो काला और ग्वाला है। तुम ही सारी धरती पर राज करो। उसका घमंड सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने भगवान श्रीकृष्ण को नकली कहना शुरू कर दिया और उन्हें अनाप-शनाप कहने लगा। उसने द्वारिका में दूत भेज दिया और सभा में धमकी भी दिलवा डाली। पहले तो भगवान ने उसकी धमकी (threat) पर ध्यान नहीं दिया मगर जब उसकी हरकतें बढ़ गई तो उसकी चुनौती को स्वीकार कर लिया और उसका वध कर दिया।