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हिमाचल हाईकोर्ट ने बद्दी में नकली दवाएं बनाने के मामले में मुख्य सचिव से मांगा जवाब
Last Updated on December 5, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने बद्दी में नकली दवाएं (Spurious Medicines) के मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव सहित अन्य प्रतिवादियों से तीन हफ्ते में जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले में प्रधान सचिव गृह, स्वास्थ्य सचिव, ड्रग कंट्रोलर, निदेशक स्वास्थ्य, उपायुक्त एसपी सोलन को प्रतिवादी बनाया है। मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद निर्धारित की है। हिमाचल हाईकोर्ट ने दैनिक समाचार पत्रों में छपी खबरों पर जनहित याचिका दर्ज की है। खबरों के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र बद्दी (Baddi) में दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने नकली दवा के कारोबार का भंडाफोड़ किया है। नामी कंपनियों के नाम से निर्मित नकली दवाओं की भारी खेप बरामद की गई है।
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पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों का उत्तर प्रदेश के आगरा में मेडिकल स्टोर भी है। यह हिमाचल सहित कई राज्यों में बीते कुछ महीनों से पद नकली दवाओं का कारोबार कर रहे थे। जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने करीब छह महीने पूर्व बद्दी-बरोटीवाला रोड पर एक गोदाम किराये पर लिया था। इसके अतिरिक्त जिस फैक्टरी में नकली दवा का निर्माण किया जा रहा था, उसमें फार्मा की मशीनें बनाई जाती थीं। छापे के दौरान लाखों की तादाद में यूएसवी लिमिटेड की हाई कोलेस्ट्रोल, स्ट्रोक के उपचार की दवा रोजी डे, सिपला कंपनी की एलर्जी की दवा मोंटेयर और ईपका कंपनी की दर्द निवारक दवा जीरोडोल बरामद की गई है। इसके अलावा पुलिस ने फैक्टरी और गोदाम सील कर पुलिस की तैनाती की गई है। आरोपियों की खिलाफ ड्रग एवं कॉस्मेटिक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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