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पानी की दरें बढ़ने से शिमला के कारोबारी नाराज, होटलों में ताले लगाकर चाबियां सौंपने की तैयारी
Last Updated on January 31, 2023 by saroj patrwal
शिमला। नगर निगम शिमला (Municipal Corporation Shimla) के दायरे में पानी की दरें बढ़ने के प्रस्ताव से यहां के कारोबारियों में रोष है। शिमला के होटल कारोबारी पानी के बिल (increase in water rates) के साथ-साथ प्रॉपर्टी टैक्स से ज्यादा वसूली करने पर काफी नाराज हैं। होटल कारोबारियों ने सरकार से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है। होटल कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें इसमें कोई राहत नहीं देती है तो मजबूरन होटलों में ताले लगाकर चाबियां सरकार को देनी पड़ेंगी।
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टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन (Tourism Industry Stake Holders Association) के अध्यक्ष महेंद्र सेठ ने कहा कि हाल ही में पानी के टैरिफ में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा। इससे शिमला के लगभग 300 होटल व्यावसायियों (Hotelier) पर फर्क पड़ा। इस बढ़ोतरी के बाद होटल के पानी का रेट कमर्शियल पानी के रेट से 67.5 फीसदी अधिक महंगा हो गया है। हिमाचल के सभी शहरों मे होटल व्यस्यायियों से 27 रुपए प्रति किलो लीटर पानी का रेट चार्ज किया जाता है और कोई स्लैब सिस्टम भी नहीं लगता।
महेंद्र सेठ ने कहा कि शिमला मे 10 फीसदी बढ़ोतरी के बाद पानी का रेट 96.64 रुपए से लेकर 177.14 रुपए प्रति किलो लीटर हो जाएगा। होटल वालों से एक तरफ तो सबसे अधिक टैरिफ (Tariff) वसूला जाता है, उपर से होटलों पर पानी की खपत के हिसाब से 3 स्लैब बनाई गई हैंए जिसमें 30 किलो लीटर की खपत तक 96.64 रुपए प्रति किलो लीटर रेट चार्ज किया जाता है।
30 फीसदी सेस ने तोड़ी होटल कारोबारियों की कमर
उन्होंने इस बात पर भी खेद जताया की भारी भरकम होटल वाटर टैरिफ (Hotel Water Tariff) से ऊपर पानी के बिल की कुल राशि पर 30ः सेस लगा कर होटल व्यवसायियों को आर्थिक बोझ तले दबाया जा रहा है।
जल्द विधायक और सीएम से मिलेंगे होटल कारोबारी
महेंद्र सेठ ने कहा कि वह अपनी इस समस्या को लेकर जल्द विधायक हरीश ज़नारथा और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) से मिलेंगे। उनसे पानी के टैरिफ, गार्बेज फीस और होटलों से वसूले जा रहे प्रॉपर्टी टैक्स को रेशनलाइज किए जाने की मांग करेंगे। अगर सरकार से उन्हें कोई राहत नहीं मिलती है तो वह होटलों में ताले लगाकर चाबियां सरकार को सौंपेंगे।
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