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चीन-पाक ने उकसाया तो भारत कर सकता है सैन्य कार्रवाई-यूएस की रिपोर्ट में दावा
अमेरिका की इंटेलिजेंस कम्युनिटी (America Intelligence Community) ने दावा किया है कि आने वाले समय में चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों में तनाव (Tension in India’s Relations with China and Pakistan) और भी बढ़ेगा। जिसका जवाब भारत सैन्य कार्रवाई (Military Action) कर देगा। रिपोर्ट में लिखा गया है कि पिछली सरकारों की तुलना में पीएम नरेंद्र मोदी की लीडरशिप (leadership of PM Narendra Modi) में इस बात की आशंका बढ़ गई है कि चीन और पाकिस्तान की तरफ से की गई किसी भी भड़काऊ हरकत के जवाब में भारत अपनी मिलिट्री को उतार सकता है। यह मूल्यांकन अमेरिकी खुफिया तंत्र के वार्षिक खतरे के आकलन (Annual Threat Assessment of US Intelligence) का हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय द्वारा अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
एलएसी पर तेजी से बढ़ सकते हैं संघर्ष
रिपोर्ट के अनुसार, भारत-चीन द्विपक्षीय सीमा विवाद (India-China Bilateral Border Dispute) को बातचीत के जरिये सुलझाने में लगे हुए हैं, लेकिन 2020 में देशों की सेनाओं के बीच हुए संघर्ष के मद्देनजर संबंध तनावपूर्ण ही रहेंगे। इस घटना के बाद से दोनों के बीच संबंध गंभीर स्तर पर हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, विवादित सीमा पर भारत और चीन दोनों द्वारा सेना का विस्तार दो परमाणु शक्तियों (Two Nuclear Powers) के बीच सशस्त्र टकराव के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे अमेरिकी लोगों तथा हितों को सीधा खतरा हो सकता है। इसमें अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग की जाती है। पिछले गतिरोधों से स्पष्ट है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लगातार निम्न-स्तर के संघर्ष तेजी से बढ़ सकते हैं।
तनाव विशेष रूप से चिंता का विषय
रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच बढ़ता तनाव विशेष रूप से चिंता का विषय है। हालांकि दोनों देश संभवत: 2021 की शुरुआत में नियंत्रण रेखा (Line of Control) पर दोनों पक्षों के फिर से संघर्ष विराम पर राजी होने के बाद से अपने संबंधों को मजबूत करने के इच्छुक हैं। रिपोर्ट कहती है कि हालांकि, पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों का समर्थन (Pakistan Supporting Terrorist Organizations) करने का लंबा इतिहास रहा है और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कथित या वास्तविक पाकिस्तानी उकसावों का जवाब अब भारत द्वारा पहले से कहीं अधिक सैन्य बल (Military Force) के जरिये देने की आशंका है।