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गाजियाबाद में स्थापित हैं ग्रह दोष मिटाने वाले पत्थर के शनिदेव
Last Updated on August 5, 2023 by sintu kumar
गाजियाबाद। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनिवार को देशभर में लाखों लोग उनकी पूजा विशेष रूप से करते हैं, ताकि जीवन में हर तरह के ग्रह दोष मिट जाएं और सुख-समृद्धि आए। भारत में कई सारे रहस्यमयी मंदिर मौजूद हैं। इन सभी मंदिरों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं। गाजियाबाद (Ghaziabad) के रविदास नगर में भी पत्थर के शनिदेव (Shanidev) की पूजा की जाती है। शनिदेव के नाराज होने से सभी डरते हैं। ऐसी मान्यताएं है कि शनिदेव की जिस पर टेढ़ी नजर पड़ती है, उसके जीवन में समस्याओं का अंबार लग जाता है। गाजियाबाद में शनिदेव का एक मंदिर स्थापित है।
गाजियाबाद के इस मंदिर में शनिदेव की पाषाण मूर्ति महाराष्ट्र (Maharashtra) के शनि शिंगणापुर (Shani Shingnapur) से 2010 में लाई गई थी। फिर इस मूर्ति को पदयात्रा, पूजा पाठ व अभिमंत्रित कर स्थापित किया गया। शुरुआत में शनिवार के दिन यहां तीन से चार लोग पूजा करते थे। पर अब सैकड़ों लोग शनिवार को यहां पूजा-अर्जना करते हैं। यहां लोग शनिदेव को तेल, तिल, काला कपड़ा, गुड़ आदि चढ़ाते हैं। अगर किसी को शनि की साढ़े साती या ढईया है तो उसे शाम के समय पीपल के पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए।
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पुराने पीपल की परिक्रमा करने से दूर होते रोग
मंदिर में पत्थर के शनिदेव की मूर्ति के पीछे एक पीपल का पेड़ भी है, जो लगभग 50 साल से ज्यादा पुराना है। अगर शनिदेव की पूजा के साथ ही शनिवार को इस पेड़ की परिक्रमा कर ली जाए तो बुरे ग्रहो व रोगों का नाश होता है। इस पेड़ की 7 परिक्रमा करने की मान्यता है।