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एमबीयू फर्जी डिग्री मामले में चालान की कॉपी पेश करने का आदेश
शिमला। एमबीयू फर्जी डिग्री के मामले (Fake Degree Case) में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दायर चालान की कॉपी (Copy of Challan) पेश करने को कहा है। इसके लिए अदालत ने महाधिवक्ता कार्यालय को एक हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन की खंडपीठ ने जांच में सही पाई गई डिग्रियों की सूची भी तलब की है। अदालत ने इसकी सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की है।
छात्रों ने की है ओरिजिनल डिग्रियों की मांग
एमबीयू के लगभग 250 छात्रों ने अदालत को पत्र लिखकर अपनी वास्तविक डिग्रियां (Original Degree) दिलवाने की गुहार लगाई है। अदालत को बताया है कि डिग्रियां न मिलने के कारण उन्हें उच्च शिक्षा के लिए दाखिला भी नहीं मिल पा रहा है। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्रियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच और उनका सत्यापन करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया था। छात्रों का कहना था कि डिग्रियों का सत्यापन न होने से उनका भविष्य अधर में है।
फर्जी डिग्रियां बांटने का मामला
विश्वविद्यालय पर फर्जी डिग्रियां बांटने का आरोप है। विशेष जांच टीम मामले की पहले से ही पड़ताल कर रही है। जांच कमेटी गठित होने के बाद से सैंकड़ों छात्रों ने अपने प्रमाणपत्रों को जांचने के लिए आवेदन किए हैं। मानव भारती की ओर से उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल जवाब में भी आग्रह किया है कि पुलिस को निर्देश दिए जाएं कि वह इस मामले से संबंधित जांच को जल्द से जल्द पूरा करें।
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तहबाजारियों को 5 सितंबर तक राहत
लोअर बाजार शिमला (Shimla Lower Bazar) के तहबाजारियों (Street Vendors) को दी राहत को हाईकोर्ट ने 5 सितंबर तक बढ़ा दिया है। राज्य सरकार ने अदालत से शिकायत निवारण तंत्र की जानकारी देने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 5 सितंबर को निर्धारित की है। अदालत ने तहबाजारियों के लिए शिकायत निवारण तंत्र बनाए जाने के आदेश दिए थे।