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Satpal Singh Satti: भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है सीएम ऑफिस, कांग्रेस संगठन में सब दुखी
Last Updated on May 12, 2024 by Himachal Abhi Abhi
Election 2024: ऊना। विधायक सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Singh Satti) ने कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार के 10 साल के मुकाबले अपने प्रदेश सरकार के 14 माह के कार्यकाल को प्रभावित बताए जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस दिन चुनाव का नतीजा आएगा उस दिन कांग्रेस (Congress) को सच्चाई का पता चलेगा। कांग्रेस का कार्यकाल तो मित्रों की सरकार का कार्यकाल है। खुद सीएम ऑफिस (CM Office) भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बनकर रह चुका है।
यदि सीएम ठीक होते उनकी सरकार ठीक होती तो उनके साथ खड़े नौ विधायकों को उनका साथ नहीं छोड़ना पड़ता। सत्ती ने कहा कि जब घर का माहौल ठीक ना हो तो व्यक्ति घर से भागता है और इन नौ विधायकों के साथ भी यही हुआ है। केवल मात्र सरकार ही नहीं बल्कि कांग्रेस के संगठन (Congress Organization) में भी सभी लोग दुखी हैं जिन लोगों ने विधानसभा चुनाव से पहले जनता को कोई गारंटी दी थी अब वही जनता से मुंह छिपाते फिर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी पूर्व कर्मचारी एवं बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ का सम्मेलन रविवार को पार्टी कार्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। इस मौके पर विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित किया। इस मौके पर पूर्व कर्मचारियों ने विधायक का गर्मजोशी से स्वागत भी किया। सम्मेलन में पहुंचे विधायक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दृष्टिगत प्रत्येक वर्ग के सम्मेलन और बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
आज भारतीय जनता पार्टी के सेवानिवृत कर्मचारी प्रकोष्ठ का भी सम्मेलन (Retired Employees Cell Conference) है जिसमें सभी रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण रणनीति के लिए पार्टी कार्यालय पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा की चार सीटों के साथ-साथ विधानसभा के 6 उपचुनाव में भी BJP की जीत सुनिश्चित की जा सके, इसी दृष्टि से पूर्व कर्मचारी और बुद्धिजीवी वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है। उन्होंने कहा कि पूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों ने लंबे अरसे तक सरकारी क्षेत्र में प्रदेश की सेवा की है और इस कालखंड के दौरान अनेकों लोग इन कर्मचारियों के समर्थक और साथी रहते हैं। उन सभी लोगों को एक मंच पर लाने के लिए बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के साथ-साथ पूर्व कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।